उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के भूजल में फ्लोराइड की अधिकता के कारण
सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बढ़ गया है।
§ फ्लोराइड: यह एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील तत्त्व है जो प्रकृति में तात्त्विक
रूप में नहीं पाया जाता है।
o यह भू-पर्पटी में 0.3 ग्राम/किग्रा. मात्रा में पाया
जाता है तथा फ्लोरस्पार, क्रायोलाइट और फ्लोरापेटाइट जैसे खनिजों में फ्लोराइड (ऑक्सीकरण
अवस्था -1) के रूप में पाया जाता है।
§ प्रमुख उपयोग: इसका एल्युमीनियम
उत्पादन में तथा स्टील और ग्लास फाइबर उद्योगों में फ्लक्स के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इन्हें फॉस्फेट
उर्वरकों, ईंटों, टाइलों और सिरेमिक के निर्माण के दौरान भी उपयोग में लाया जाता है।
o फ्लोरोसिलिक एसिड,
सोडियम हेक्साफ्लोरोसिलिकेट और सोडियम
फ्लोराइड जैसे यौगिकों का उपयोग नगरपालिका जल के फ्लोराइडीकरण में किया जाता है।
§ स्वास्थ्य पर प्रभाव: फ्लोराइड के दोहरे
प्रभाव होते हैं, यह अल्प मात्रा में लाभदायक होता है (दंत क्षय से
सुरक्षा), लेकिन अधिक मात्रा में हानिकारक होता है, जिसके कारण दंत फ्लोरोसिस (मुख्य रूप से बच्चों में दाँतों के इनेमल का धब्बेदार होना} और कंकालीय फ्लोरोसिस (अस्थि/जोड़ों की समस्याएँ) होता है।
o भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, जल में फ्लोराइड का
सुरक्षित स्तर 1 से 1.5 मिलीग्राम/लीटर (मिलीग्राम प्रति लीटर) है, इससे अधिक स्तर
स्वास्थ्य के लिये खतरनाक माना जाता है।
§ भारत में फ्लोराइड नियंत्रण की योजनाएँ: भारत ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान राष्ट्रीय
फ्लोरोसिस निवारण और नियंत्रण कार्यक्रम (NPPCF) शुरू किया। इसके अतिरिक्त, जल जीवन मिशन का उद्देश्य
सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करना है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- फ्लोराइड भू-पर्पटी में फ्लोरस्पार, क्रायोलाइट
और फ्लोरापेटाइट जैसे खनिजों में पाया जाता है।
- फ्लोराइड का उपयोग केवल दंत चिकित्सा में सीमित है।
- जल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा से कंकालीय फ्लोरोसिस हो
सकता है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
(A) केवल 1
और 2
(B) केवल 2
और 3
(C) केवल 1
और 3
(D) 1, 2 और 3
उत्तर
(C) केवल 1 और 3
स्पष्टीकरण:
- कथन 1 सही है – फ्लोराइड उपरोक्त खनिजों में पाया जाता है।
- कथन 2 गलत है – इसका उपयोग दंत चिकित्सा के अलावा एल्युमीनियम, स्टील, ग्लास
फाइबर, उर्वरक आदि में भी होता है।
- कथन 3 सही है – फ्लोराइड की अधिक मात्रा से कंकालीय फ्लोरोसिस हो सकता
है।
(2)
वर्णनात्मक प्रश्न – UPSC Mains Standard:
प्रश्न: फ्लोराइड प्रदूषण एक
उभरती हुई सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। भारत में इसके स्रोत, प्रभाव एवं नियंत्रण
के उपायों का विश्लेषण कीजिए।
(150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
उत्तर:
- परिचय:
फ्लोराइड एक रासायनिक तत्व है जो भूजल में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। भारत के कई हिस्सों में इसकी अधिकता सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गई है। - स्रोत:
भूजल में फ्लोराइड की अधिकता भू-पर्पटी में विद्यमान फ्लोराइड युक्त खनिजों से होती है। इसके अलावा औद्योगिक अपशिष्ट, उर्वरक और जल के फ्लोराइडीकरण जैसे मानवजनित स्रोत भी जिम्मेदार हैं। - प्रभाव:
- सकारात्मक: सीमित मात्रा में दंत क्षय से सुरक्षा।
- नकारात्मक:
- दंत फ्लोरोसिस –
दाँतों के इनेमल पर धब्बे, खासकर बच्चों में।
- कंकालीय फ्लोरोसिस –
हड्डियों में जकड़न, दर्द और विकृति।
- नियंत्रण उपाय:
- राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निवारण और नियंत्रण कार्यक्रम (NPPCF)।
- जल जीवन मिशन के अंतर्गत सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना।
- घरेलू जल निस्पंदन तकनीकों का उपयोग, जैसे
कि Activated Alumina Filter आदि।
- जनजागरूकता और स्वास्थ्य शिक्षा।
- निष्कर्ष:
फ्लोराइड प्रदूषण का समाधान बहु-आयामी प्रयासों द्वारा ही संभव है, जिसमें सतत निगरानी, जल गुणवत्ता सुधार और जन-भागीदारी अनिवार्य है।