स्मार्ट सिटी मिशन
और आपदा तैयारियों में इसकी भूमिका (जीएस2, 2020)
परिचय
2015 में लॉन्च किया गया स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) प्रौद्योगिकी-आधारित शहरी प्रबंधन के माध्यम से
भारतीय शहरों को अधिक लचीला और आपदा-सक्षम बनाने का लक्ष्य रखता है। बढ़ते बाढ़, चक्रवात, और अत्यधिक गर्मी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर, यह मिशन IoT, AI और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके आपदा
प्रबंधन को मजबूत कर रहा है।
स्मार्ट सिटी मिशन
आपदा तैयारियों को कैसे बेहतर बनाता है?
**1. पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning Systems)
- बाढ़ सेंसर (जैसे चेन्नई
की रियल-टाइम मॉनिटरिंग)।
- मोबाइल ऐप्स के माध्यम से हीटवेव अलर्ट (जैसे अहमदाबाद
की हीट एक्शन प्लान)।
- भूकंप पूर्व चेतावनी (जैसे भुवनेश्वर
के सिस्मिक सेंसर)।
**2. डेटा-आधारित आपदा प्रबंधन
- GIS मैपिंग द्वारा
बाढ़-प्रवण क्षेत्रों की पहचान (जैसे पुणे
की जल निकासी योजना)।
- AI-आधारित भविष्यवाणी (जैसे विशाखापत्तनम
में चक्रवात ट्रैकिंग)।
**3. लचीला बुनियादी ढांचा
- तूफान से बचाव के लिए भूमिगत केबलिंग (जैसे सूरत
की फ्लड-रेजिस्टेंट व्यवस्था)।
- आपातकालीन बैकअप के साथ मॉड्यूलर अस्पताल (जैसे कोच्चि
के डिजास्टर-रीडी हेल्थ सेंटर)।
**4. ई-गवर्नेंस और जन जागरूकता
- रियल-टाइम अलर्ट (एसएमएस/व्हाट्सएप के माध्यम से, जैसे इंदौर
का सिटीजन पोर्टल)।
- नागरिकों द्वारा आपदा रिपोर्टिंग (जैसे बेंगलुरु
का "I
Change My City" ऐप)।
**5. हरित एवं जल संरचनाएँ
- स्मार्ट जल निकासी (जैसे जयपुर
की स्वचालित सिस्टम)।
- शहरी वनीकरण (जैसे दिल्ली
में मियावाकी वन)।
केस स्टडी
**A. सूरत (बाढ़ प्रबंधन)
- IBM के "CogniCity" सॉफ्टवेयर द्वारा बाढ़ की भविष्यवाणी।
- भूमिगत जल संग्रहण टैंक।
**B. भुवनेश्वर (चक्रवात तैयारी)
- स्मार्ट पोल जो मौसम की जानकारी देते हैं।
- सौर ऊर्जा युक्त आपातकालीन आश्रय।
**C. चेन्नई (2015 बाढ़ के बाद सुधार)
- अडयार नदी में स्वचालित फ्लडगेट्स।
- समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए कमांड
सेंटर।
चुनौतियाँ
- डिजिटल डिवाइड – गरीबों तक तकनीक की पहुँच सीमित।
- उच्च लागत – IoT सिस्टम का रखरखाव महंगा।
- विभागीय समन्वय की कमी।
आगे की राह
- टियर-2/3 शहरों में SCM का
विस्तार।
- PPP मॉडल द्वारा
वित्तीय सहायता।
- सभी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए
डिजास्टर ऑडिट अनिवार्य करना।
निष्कर्ष
स्मार्ट सिटी मिशन
भारत को प्रतिक्रियाशील से सक्रिय आपदा प्रबंधन की ओर ले जा रहा है। सूरत की बाढ़ तकनीक और भुवनेश्वर
के चक्रवात ट्रैकिंग जैसे उदाहरणों को अपनाकर, भारतीय शहर जलवायु
अनुकूलन के वैश्विक मॉडल बन सकते हैं।
"एक स्मार्ट शहर सिर्फ वाई-फाई के बारे में नहीं है—यह आपदाओं के समय जान बचाने के बारे में
है।"
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