नागरिकता की समीक्षा या नागरिकता की समाप्ति?
असम के विदेशी न्यायाधिकरणों की वैधानिकता पर सवाल
✍️ सुर्यवंशी IAS द्वारा | यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए विशेष | नीति • संविधान • नैतिकता
📍 संदर्भ: UPSC की दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
आज के भारत में नागरिकता और पहचान एक अत्यंत संवेदनशील तथा बहस का विषय बन चुका है।
असम में चल रही NRC प्रक्रिया, और उसमें शामिल Foreigners’ Tribunals (FTs) ने ना केवल हज़ारों लोगों को "विदेशी" घोषित कर दिया, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों और नैतिक सिद्धांतों को भी चुनौती दी है।
अब जब ऐसी प्रक्रिया को देशभर में लागू करने की बात हो रही है, तब UPSC अभ्यर्थियों को इसका गहरा और कानूनी विश्लेषण ज़रूरी है।
📘 रिपोर्ट का सारांश: Unmaking Citizens (2025)
यह रिपोर्ट संयुक्त रूप से प्रकाशित की गई:
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नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरु
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क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन
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Parichay Legal Aid Clinic
🖊️ लेखक:
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मोहसिन आलम भट्ट
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आरुषि गुप्ता
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शार्दुल गोपुजकर
⚖️ Foreigners' Tribunals (FTs) क्या हैं?
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ये अर्ध-न्यायिक संस्थान हैं जो Foreigners Act, 1946 के तहत बनाए गए हैं।
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इनका उद्देश्य: यह तय करना कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं।
🧾 वर्तमान स्थिति (2025 तक):
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कुल घोषित "विदेशी": 1.66 लाख+
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लंबित मामले: 85,000+
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NRC से बाहर हुए लोगों के अपील: 10 लाख से अधिक संभावित
🚨 रिपोर्ट की प्रमुख बातें
1. मनमाने निर्णय
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दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्यों को बिना उचित कारण के खारिज किया गया।
2. कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन
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न्यायाधिकरणों में कार्यरत अधिकारी न्यायिक योग्यता से वंचित हैं।
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ये संस्थान स्वतंत्र नहीं, बल्कि कार्यपालिका के प्रभाव में काम करते हैं।
3. संवैधानिक मूल्यों पर आघात
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नागरिकों को न्यायिक संरक्षण और अपील का अवसर नहीं मिलता।
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बहुतों को राज्यविहीन बना देने का खतरा।
📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
🏛️ IMDT अधिनियम, 1983
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विशेष रूप से असम के लिए बना था।
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2005 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवैध घोषित कर रद्द कर दिया।
🏛️ इसके बाद:
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विदेशी न्यायाधिकरणों का गठन Foreigners Act, 1946 के तहत किया गया।
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इनमें से कई अस्थायी हैं और गृह मंत्रालय से नियुक्ति की अवधि बढ़वाते रहते हैं, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता को नुकसान होता है।
📌 संविधानिक और नैतिक पहलू
सिद्धांत | हनन |
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अनुच्छेद 14 | समानता का अधिकार भंग |
अनुच्छेद 21 | जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर संकट |
न्याय का सिद्धांत | पक्षपातपूर्ण फैसले, अपील की कोई गारंटी नहीं |
मानव गरिमा | लोगों को संदेह के आधार पर अपमानित करना |
कानून का शासन | कार्यपालिका का हस्तक्षेप, न्यायिक निरीक्षण नहीं |
🌍 अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
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ICCPR (अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों का वाचा) के तहत प्रभावी उपचार का अधिकार
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Non-refoulement सिद्धांत का उल्लंघन – किसी व्यक्ति को ऐसे देश भेजना जहां उसे उत्पीड़न हो सकता है।
🧭 UPSC सिलेबस से संबंध
पेपर | विषय |
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GS II | संविधान, न्यायपालिका, नीति, अधिकार |
GS I | समाज, जनसंख्या, प्रवास |
GS IV | नैतिकता, मानव गरिमा, न्याय |
निबंध | नागरिकता, पहचान, मानव अधिकार बनाम राष्ट्र सुरक्षा |
📚 पिछले वर्षों के UPSC प्रश्न
🟨 GS II / राजनीति:
📝 UPSC 2021
“संस्थागत गुणवत्ता आर्थिक प्रदर्शन की मुख्य धुरी है।” इस संदर्भ में प्रशासनिक सुधारों का सुझाव दें।
(यहां FTs के कार्य में दोष का हवाला देकर संस्थागत सुधार सुझाएं)
📝 UPSC 2020
“संवैधानिक नैतिकता व्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक तत्वों पर आधारित है।”
(न्यायालयों में नागरिकता संबंधी मामलों से उदाहरण जोड़ सकते हैं)
🟨 GS I / समाज:
📝 UPSC 2022
“भारत में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ने बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच खाई को बढ़ाया है।”
(FTs/NRC से उत्पन्न असमानताओं को उद्धृत करें)
🟨 GS IV / नैतिकता:
📝 UPSC 2019
“समाज में सबसे कमजोर व्यक्ति ही न्याय का मापदंड होना चाहिए।” — इस कथन का अर्थ समझाइए।
(FTs के संदर्भ में उपयोगी केस स्टडी)
💡 सुधार के सुझाव
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✅ स्वतंत्र और विधिसम्मत न्यायाधिकरण स्थापित हों
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✅ कानूनी सहायता सुनिश्चित की जाए
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✅ साक्ष्य मानकों को स्पष्ट किया जाए
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✅ अपील प्रक्रिया को मजबूत किया जाए
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✅ समय-समय पर न्यायिक समीक्षा की व्यवस्था हो
🧠 अभ्यास प्रश्न (Mains)
प्रश्न:
विदेशी न्यायाधिकरणों की भूमिका और कार्यप्रणाली का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। क्या ये भारतीय संविधान की मूल भावना के अनुरूप हैं? सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
(250 शब्द)
🛡️ निष्कर्ष (Suryavanshi IAS का दृष्टिकोण)
"नागरिकता सिर्फ एक कानूनी स्थिति नहीं, बल्कि गरिमा और अधिकारों का प्रवेश द्वार है।"
यदि नागरिकता को तय करने की प्रक्रिया ही न्याय और संवैधानिकता से दूर हो, तो यह लोकतंत्र की आत्मा को गहराई से प्रभावित करती है।
📍 पता: 638/20(K-344), राहुल विहार, तुलसी कार केयर के पास, लखनऊ
📞 संपर्क: 6306446114
🌐 वेबसाइट: suryavanshiias.blogspot.com
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