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Thursday, July 31, 2025

क्या आपकी आंत 'Forever Chemicals' को साफ़ करने में मदद कर सकती है?

 

क्या आपकी आंत 'Forever Chemicals' को साफ़ करने में मदद कर सकती है?

UPSC अभ्यर्थियों के लिए विशेष ब्लॉग | Suryavanshi IAS द्वारा


🔍 परिचय

आजकल PFAS (Per- and Polyfluoroalkyl Substances) जिन्हें आम भाषा में 'फ़ॉरएवर केमिकल्स' कहा जाता है, स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। ये रसायन शरीर और पर्यावरण में बहुत लंबे समय तक बने रहते हैं और कैंसर, थायरॉइड, यकृत (लिवर) रोगों से जुड़े हुए हैं।

हाल ही में वैज्ञानिक इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि क्या कुछ विशेष आंतों के बैक्टीरिया (गट माइक्रोबायोम) PFAS को शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।


🧪 PFAS (Forever Chemicals) क्या हैं?

·         ये सिंथेटिक रसायनों का एक बड़ा समूह है, जिसमें मजबूत कार्बन-फ्लोरीन बंधन होते हैं।

·         इन्हें "फॉरएवर केमिकल्स" कहा जाता है क्योंकि ये ना शरीर में टूटते हैं, ना पर्यावरण में।

कहाँ पाए जाते हैं:

·         नॉन-स्टिक बर्तन

·         फूड पैकेजिंग

·         वाटरप्रूफ कपड़े

·         फायर फाइटिंग फोम

·         सौंदर्य उत्पाद (cosmetics)

शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं:

·         दूषित पानी या भोजन (मछली, मांस, अंडे) के माध्यम से

·         धूल में मौजूद कणों के सांस द्वारा

·         त्वचा के संपर्क से (हालांकि यह माध्यम कम प्रभावी है)


🧬 PFAS शरीर में कैसे जमा होते हैं?

·         यह एल्ब्युमिन जैसे सीरम प्रोटीन से चिपक जाते हैं

·         लिवर, किडनी और पित्त (bile) में जमा होते हैं

·         Enterohepatic Circulation द्वारा बार-बार आंत में जाते और वापस रक्त में आते हैं

⚠️ PFOS और PFOA जैसे PFAS रसायन शरीर में 8 साल तक बने रह सकते हैं


🧫 क्या Gut Bacteria PFAS को बाहर निकाल सकते हैं?

·         Nature Microbiology नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जिन चूहों की आंतों में Lactobacillus और Bacteroides जैसे बैक्टीरिया थे, वे अधिक मात्रा में PFAS को मल द्वारा बाहर निकाल सके।

·         Mechanism: ये बैक्टीरिया PFAS को तोड़ते नहीं, बल्कि उन्हें बांधकर रोक लेते हैं ताकि वे अवशोषित न हों।

अभी तक इंसानों पर कोई ठोस अध्ययन नहीं हुआ है जो यह सिद्ध करे कि आंतों के बैक्टीरिया PFAS को प्रभावी रूप से हटा सकते हैं।


📘 UPSC सिलेबस से संबंध

विषय

उपयुक्त पेपर

पर्यावरण प्रदूषण

GS पेपर 3

विज्ञान एवं तकनीक में हाल की प्रगति

GS पेपर 3

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

GS पेपर 2

निबंध लेखन

Essay पेपर

🍎 क्या खानपान से मदद मिल सकती है?

·         फाइबर युक्त भोजन: पित्त अम्लों को बांध सकता है जो PFAS को भी ले जाते हैं

·         प्रोबायोटिक: जैसे Lactobacillus, जानवरों पर PFAS अवशोषण को कम करने में सहायक

·         Cholestyramine: एक दवा जो PFAS के स्तर को घटा सकती है (प्रारंभिक अध्ययन)


🔬 भविष्य की दिशा

·         बैक्टीरिया इंजीनियरिंग: PFAS-बाइंडिंग प्रोटीन वाले बैक्टीरिया बनाना

·         FMT (Fecal Microbiota Transplantation): प्रयोगात्मक स्तर पर

·         Probiotic Capsules: भविष्य में हो सकती है detoxification की कुंजी


📝 UPSC के पिछले वर्षों के प्रश्न

1.      UPSC Prelims 2021
बेंजीन प्रदूषण के कारक कौन-कौन से हैं?

o    वाहन निकास

o    तंबाकू धुआं

o    लकड़ी जलाना
उत्तर: सभी सही

2.      UPSC Mains 2020
"भारत में रासायनिक प्रदूषण से संबंधित मुख्य चिंताओं पर चर्चा करें। खाद्य व जल प्रणाली में रासायनिक अवशेषों को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?"

3.      UPSC Prelims 2018
निम्नलिखित में से कौन-कौन शॉर्ट-लिव्ड क्लाइमेट पोल्यूटेंट्स हैं?

o    ब्लैक कार्बन

o    मीथेन

o    ट्रोपोस्पेरिक ओज़ोन

o    हाइड्रोफ्लोरोकार्बन
उत्तर: सभी


🎯 प्रैक्टिस MCQs (हिंदी और अंग्रेज़ी में)

Q1. PFAS रसायन किससे संबंधित हैं?

A. भारी धातु प्रदूषण
B. स्थायी जैविक प्रदूषण
C. रेडियोधर्मी अपशिष्ट
D. माइक्रोप्लास्टिक कण


Q2. PFAS को शरीर में लंबे समय तक बनाए रखने वाली प्रक्रिया कौन-सी है?

A. हीमोडायलिसिस
B. प्रकाश संश्लेषण
C. एंटेरोहेपेटिक परिसंचरण
D. परासरण


Q3. PFAS को बांधने में कौन-से गट बैक्टीरिया सहायक पाए गए हैं?

A. ई. कोलाई
B. क्लोस्ट्रीडियम टेटानी
C. बैक्टेरोइड्स
D. विव्रियो कोलेरी


निष्कर्ष

PFAS रसायन हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बने हुए हैं। गट माइक्रोबायोम द्वारा इन्हें बाहर निकालना एक रोमांचक वैज्ञानिक संभावना है, लेकिन अभी केवल प्रयोगशाला स्तर तक सीमित है। जब तक मानवों पर आधारित अनुसंधान नहीं होता, तब तक:

·         PFAS के संपर्क से बचना

·         संतुलित, फाइबर युक्त भोजन लेना

·         प्रोसेस्ड और पैक्ड खाद्य सामग्री से दूरी
ही सबसे प्रभावी उपाय हैं।


📚 सूर्यवंशी IAS टिप:
"विज्ञान, पर्यावरण और स्वास्थ्य" से जुड़ी विषयवस्तु को न केवल GS-3 में, बल्कि निबंध और GS-4 (एथिक्स) में भी उदाहरण के रूप में उपयोग करें।

 

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