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Monday, August 18, 2025

AI और एथिकल हैकिंग में इसकी भूमिका: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

 

AI और एथिकल हैकिंग में इसकी भूमिका: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

सूर्यवंशी आईएएस द्वारा

परिचय

डिजिटलीकरण की तेज गति ने साइबर सुरक्षा को वैश्विक चिंताओं में सबसे आगे ला दिया है। बढ़ते साइबर खतरों के साथ, एथिकल हैकर्स की मांग तेजी से बढ़ी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) साइबर सुरक्षा के शिक्षण और अभ्यास के तरीके को बदल रहा है, जिससे यह यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आंतरिक सुरक्षा और शासन के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है।

इस ब्लॉग में शामिल है:

  1. साइबर सुरक्षा और एथिकल हैकिंग में AI की भूमिका

  2. भारत का साइबर सुरक्षा परिदृश्य

  3. यूपीएससी प्रासंगिकता: पिछले वर्षों के प्रश्न (प्रीलिम्स और मेन्स)

  4. भारत के लिए आगे का रास्ता


1. साइबर सुरक्षा और एथिकल हैकिंग में AI

AI गेम-चेंजर क्यों है?

  • व्यक्तिगत शिक्षाChatGPT, Gemini और अन्य AI टूल्स जटिल साइबर सुरक्षा अवधारणाओं को आसानी से समझने में मदद करते हैं।

  • रियल-टाइम खतरा विश्लेषण: AI, पारंपरिक तरीकों से तेजी से जीरो-डे खामियों का पता लगा सकता है।

  • ऑटोमेटेड पेनट्रेशन टेस्टिंग: AI टूल सिस्टम की कमजोरियों को पहचानने के लिए साइबर हमलों का अनुकरण करते हैं।

भारत में एथिकल हैकिंग

  • भारत में प्रतिवर्ष 360 मिलियन से अधिक मैलवेयर हमले (2023-24)।

  • केवल 2 लाख प्रमाणित एथिकल हैकर्स उपलब्ध हैं, जो मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर दर्शाता है।

  • AI, साइबर सुरक्षा शिक्षा को टियर-2/3 शहरों के छात्रों के लिए सुलभ बना रहा है।


2. भारत का साइबर सुरक्षा परिदृश्य

प्रमुख पहलें

  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति (2013) – एक सुरक्षित साइबर वातावरण बनाना।

  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) – साइबर खतरों पर नजर रखता है।

  • CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) – साइबर खतरों की चेतावनी जारी करता है।

  • साइबर स्वच्छता केंद्र – मैलवेयर विश्लेषण उपकरण प्रदान करता है।

चुनौतियाँ

  • कुशल पेशेवरों की कमी

  • साइबर स्वच्छता के बारे में जागरूकता की कमी

  • बढ़ते साइबर युद्ध के खतरे (जैसे चीन से जुड़े हैकर ग्रुप)।


3. यूपीएससी प्रासंगिकता: पिछले वर्षों के प्रश्न

प्रीलिम्स प्रश्न (पिछले 8 वर्ष)

2023

प्र. 'डार्क नेट' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे पारंपरिक सर्च इंजन द्वारा अनुक्रमित नहीं किया जाता।

  2. इसका उपयोग अक्सर अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है।

  3. इसे केवल Tor जैसे विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ही एक्सेस किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d) 1, 2 और 3
व्याख्या: डार्क नेट इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है, जिसका उपयोग अक्सर अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है और इसे Tor या I2P जैसे सॉफ्टवेयर द्वारा एक्सेस किया जाता है।


2022

प्र. "जीरो-डे एक्सप्लॉइट" क्या है?
(a) एक साइबर हमला जो नए सॉफ्टवेयर के रिलीज के पहले दिन होता है।
(b) सॉफ्टवेयर में एक कमजोरी जो विक्रेता को पता नहीं होती और हैकर्स द्वारा इसका फायदा उठाया जाता है।
(c) एक मैलवेयर जो 24 घंटे के बाद डेटा को डिलीट कर देता है।
(d) एक सुरक्षा पैच जो ब्रीच के 24 घंटे के भीतर जारी किया जाता है।

उत्तर: (b)
व्याख्याजीरो-डे एक्सप्लॉइट सॉफ्टवेयर में एक ऐसी कमजोरी को संदर्भित करता है जिसके बारे में डेवलपर्स को पता नहीं होता और हैकर्स द्वारा पैच जारी होने से पहले इसका फायदा उठाया जाता है।


2021

प्र. निम्नलिखित में से कौन-से साइबर खतरे हैं?

  1. फिशिंग

  2. रैंसमवेयर

  3. SQL इंजेक्शन

  4. स्पूफिंग

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
व्याख्या: ये सभी सामान्य साइबर खतरे हैं।


मेन्स प्रश्न

2023 (जीएस-3: आंतरिक सुरक्षा)

प्र. भारत में उभरते साइबर सुरक्षा खतरों पर चर्चा करें और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय सुझाएं।

उत्तर दृष्टिकोण:

  • रैंसमवेयर, फिशिंग, राज्य-प्रायोजित हमलों का उल्लेख करें।

  • CERT-In, साइबर स्वच्छता केंद्र, साइबर रक्षा में AI की आवश्यकता पर चर्चा करें।

2021 (जीएस-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)

प्र. एथिकल हैकिंग क्या है? यह भारत के साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में कैसे मदद कर सकता है?

उत्तर दृष्टिकोण:

  • एथिकल हैकिंग (व्हाइट-हैट हैकिंग) को परिभाषित करें।

  • बग बाउंटी प्रोग्राम, AI-आधारित पेनट्रेशन टेस्टिंग पर चर्चा करें।


4. आगे का रास्ता

  • स्कूलों और कॉलेजों में AI-एकीकृत साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण

  • साइबर रक्षा के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी

  • सरकारी समर्थन के साथ अधिक एथिकल हैकिंग प्रमाणन (CEH, OSCP)

निष्कर्ष

AI, साइबर सुरक्षा शिक्षा और खतरों का पता लगाने के तरीके को बदल रहा है, जिससे यह यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है। बढ़ते साइबर खतरों के साथ, भारत को AI-आधारित सुरक्षा समाधान और कुशल कार्यबल विकास पर ध्यान देना चाहिए।


यूपीएससी-केंद्रित और अधिक सामग्री के लिए, सूर्यवंशी आईएएस को फॉलो करें!

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