“राइट टू रिपेयर”: तकनीकी न्याय और सतत विकास की दिशा में भारत का कदम
प्रासंगिकता: UPSC GS पेपर 2, 3 और GS-4 (नीतिशास्त्र) | प्रारंभिक + मुख्य परीक्षा | केस स्टडी दृष्टिकोण
📍 हाल की पृष्ठभूमि: समाचारों में क्यों?
मई 2025 में भारत सरकार ने मोबाइल फोन और उपकरणों के लिए रिपेयरबिलिटी इंडेक्स की सिफारिश स्वीकार की — जो उत्पादों को मरम्मत में आसानी, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और सॉफ्टवेयर सपोर्ट के आधार पर रैंक करता है।
सरकार के इस कदम ने “राइट टू रिपेयर” (मरम्मत का अधिकार) को नीति में एक संस्थागत पहचान दी।
🔎 “राइट टू रिपेयर” क्या है?
यह उपभोक्ताओं को यह अधिकार देता है कि वे:
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अपने उपकरणों की मरम्मत खुद कर सकें
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आवश्यक उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, मैनुअल और सॉफ़्टवेयर तक पहुंच हो
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मरम्मत को बढ़ावा देकर ई-वेस्ट में कमी लाई जा सके
भारत का फ्रेमवर्क:
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2022: भारत में "राइट टू रिपेयर" ढांचे की शुरुआत
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2023: राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च (इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कृषि उपकरण के लिए)
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2025: Repairability Index की शुरुआत
📚 UPSC पाठ्यक्रम में प्रासंगिकता
पेपर | विषय |
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GS-2 | सरकारी नीतियां और उनके विकास पर प्रभाव |
GS-3 | पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास, तकनीक और मिशन |
GS-4 | उपभोक्ता अधिकारों की नैतिकता, अनौपचारिक श्रमिकों का सम्मान |
🌱 मरम्मत केवल नीति नहीं, एक संस्कृति और ज्ञान प्रणाली है
“राइट टू रिपेयर को राइट टू रिमेम्बर (स्मृति का अधिकार) से भी जोड़ना चाहिए।”
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दिल्ली के करोल बाग और चेन्नई के रिची स्ट्रीट जैसे स्थानों में मरम्मत कार्य बिना मैनुअल के अनुभव और पर्यवेक्षण से किया जाता है।
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यह Tacit Knowledge (निहित ज्ञान) होता है — जिसे कोडिंग या डॉक्यूमेंट में दर्ज नहीं किया जा सकता।
⚠️ खतरा: जैसे-जैसे उपभोक्ता ‘फेंको और नया लो’ की ओर बढ़ते हैं, ये ज्ञान प्रणाली और मरम्मत समुदाय उपेक्षित हो रहे हैं।
📊 डिजिटल नीति की कमजोर कड़ियाँ
क्षेत्र | चुनौती |
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डिजिटल इंडिया | नवाचार पर ध्यान, लेकिन मरम्मत कार्य पर नीति शून्यता |
ई-वेस्ट नियम 2022 | पुनर्चक्रण को बढ़ावा, लेकिन मरम्मत को रोकथाम उपाय के रूप में नहीं जोड़ा |
PMKVY कौशल योजना | फैक्ट्री आधारित प्रशिक्षण, लेकिन इम्प्रोवाइजेशन स्किल को नजरअंदाज़ |
AI नीति | सामुदायिक ज्ञान का उपयोग, लेकिन श्रमिकों की पहचान और लाभ अनुपस्थित |
🤖 AI और मरम्मत: छूटी हुई कड़ी
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AI मॉडल सामुदायिक व्यवहार से सीखते हैं, लेकिन स्थानीय श्रमिकों को पहचान या लाभ नहीं मिलता
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iFixit रिपोर्ट (2023): एशिया में केवल 23% स्मार्टफोन आसानी से मरम्मत योग्य हैं
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Large Language Models (LLMs) स्थानीय मरम्मत ज्ञान को संरचित ज्ञान में बदल सकते हैं
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Design for Unmaking: उत्पादों को इस प्रकार डिज़ाइन करना कि वे असानी से खोले और पुन: प्रयुक्त किए जा सकें
🏛 नीतिगत समाधान
✳️ कौन-क्या कर सकता है?
मंत्रालय | कार्य |
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इलेक्ट्रॉनिक्स और IT | AI व खरीद नीति में Repairability मानक शामिल करें |
उपभोक्ता मामले विभाग | “Right to Repair” को अनौपचारिक क्षेत्र तक विस्तारित करें |
श्रम मंत्रालय | e-Shram पोर्टल पर अनौपचारिक मरम्मत श्रमिकों की पहचान और संरक्षण |
कौशल विकास मंत्रालय | नॉन-लिनियर, व्यावहारिक कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम |
🌍 वैश्विक परिप्रेक्ष्य
देश / संस्था | पहल |
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🇪🇺 यूरोपीय संघ | स्पेयर पार्ट्स और दस्तावेज़ उपलब्ध कराना अनिवार्य |
🇺🇳 संयुक्त राष्ट्र SDG 12 | सतत उपभोग और उत्पादन में मरम्मत की भूमिका |
🇺🇸 🇬🇧 🇫🇷 अमेरिका, UK, फ्रांस | उपभोक्ता अधिकारों में मरम्मत को जोड़ना |
🧾 UPSC प्रारंभिक परीक्षा के पिछले प्रश्न
❓प्रश्न 1: (UPSC 2020)
निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति की विशेषताएं हैं?
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मरम्मत सेवाओं का प्रचार
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निर्माण में प्रोत्साहन
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ई-वेस्ट प्रबंधन को बढ़ावा
उत्तर: ✅ 2 और 3
व्याख्या: 2020 में मरम्मत को नीति में प्राथमिकता नहीं मिली थी
❓प्रश्न 2: (UPSC 2021)
"Extended Producer Responsibility (EPR)" का क्या अर्थ है?
a) उत्पाद के अंत उपयोग के बाद प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्माता की होती है
b) जैविक भोजन को बढ़ावा देने की नीति
c) इलेक्ट्रॉनिक्स में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने की योजना
d) स्थानीय कारीगरों के लिए प्रोत्साहन
उत्तर: ✅ a)
❓प्रश्न 3: (UPSC 2018)
"Circular Economy" से आप क्या समझते हैं?
a) ऐसा आर्थिक तंत्र जो संसाधनों के पुन: उपयोग और अपशिष्ट-मुक्त उत्पादन को बढ़ावा देता है
b) केंद्रीकृत नियोजन पर आधारित आर्थिक मॉडल
c) परिक्रामी प्रवासन आधारित विकास पद्धति
d) औपनिवेशिक काल की एक पुरानी अवधारणा
उत्तर: ✅ a)
✍️ मुख्य परीक्षा के लिए मॉडल प्रश्न
GS-2 (250 शब्दों में)
"भारत में ‘राइट टू रिपेयर’ केवल उपभोक्ता अधिकार नहीं बल्कि ज्ञान प्रणाली और स्थायित्व का भी परिचायक है। नीतिगत कमियों का परीक्षण करें और सुधार सुझाएं।"
GS-3 (150 शब्दों में)
"अनौपचारिक मरम्मत श्रमिक सर्कुलर इकोनॉमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें।"
🔍 उत्तर लेखन के लिए प्रमुख कीवर्ड्स
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Tacit knowledge (निहित ज्ञान)
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Planned obsolescence (नियोजित अपवृद्धि)
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Design for disassembly (खोलने योग्य डिज़ाइन)
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Extended Producer Responsibility (EPR)
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AI and inclusivity
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Informal economy recognition
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Circular economy
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Sustainable consumption
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Digital justice
📌 सारांश तालिका
विषय | प्रमुख बिंदु |
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नीति | 2025 में Repairability Index शुरू किया गया |
चुनौती | अनौपचारिक मरम्मत श्रमिक नीति और AI में अनुपस्थित |
समाधान | Tacit knowledge को मान्यता, प्रशिक्षण व डिजिटल नीति में समावेश |
वैश्विक कनेक्शन | SDG 12, EU नीति, UK-US सुधार |
UPSC संबंध | GS-2 (नीति), GS-3 (पर्यावरण), GS-4 (नैतिकता और सम्मान) |
📢 Suryavanshi IAS कहता है:
"राइट टू रिपेयर" सिर्फ उपकरणों को सुधारने की बात नहीं है — यह नीति में सुधार, मानवीय प्रतिभा की कद्र और पर्यावरणीय न्याय का रास्ता है।
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