Blog Archive

Tuesday, August 5, 2025

भारत, ट्रंप और तेल की राजनीति: जब दबाव बढ़े, तो जवाब मजबूती से देना चाहिए

 

भारत, ट्रंप और तेल की राजनीति: जब दबाव बढ़े, तो जवाब मजबूती से देना चाहिए

✍️ सूर्यवंशी IAS | UPSC छात्रों के लिए नीति, दृष्टिकोण और आत्मबल


🛡️ भूमिका: अब चुप नहीं, स्पष्ट संदेश

4 अगस्त 2025 को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना का सबसे स्पष्ट और तीखा जवाब दिया।
MEA ने दो टूक कहा:

“भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।”

यह वही भारत है जिसने 2017 में ट्रंप प्रशासन के दबाव में आकर ईरान और वेनेज़ुएला से तेल खरीदना बंद कर दिया था
अब भारत बदल चुका है


🔥 पृष्ठभूमि: जब सहयोगी भी शर्तें थोपने लगें

अमेरिका का आरोप:

  • ट्रंप ने कहा कि भारत “बड़ी मात्रा में रूसी तेल बेच रहा है और भारी मुनाफा कमा रहा है”, जबकि रूस यूक्रेन में लोगों को मार रहा है

  • ट्रंप ने 7 अगस्त से भारी टैरिफ (25%+) लगाने की घोषणा की

  • यूरोपीय संघ ने भी भारतीय रिफाइनरी और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए

भारत का जवाब:

  • पश्चिम खुद रूस से ऊर्जा, खाद, खनिज और स्टील खरीद रहा है

  • भारत की खरीद एक “आवश्यक राष्ट्रीय मजबूरी” है, जबकि उनकी नहीं

  • भारत पर निशाना साधना “अविवेकपूर्ण और अन्यायपूर्ण” है


🔍 UPSC दृष्टिकोण: रणनीतिक स्वायत्तता का परीक्षण

आज की विदेश नीति:

  • ना गुटनिरपेक्षता

  • ना पश्चिमपरस्ती

  • बल्कि, राष्ट्रीय हित आधारित यथार्थवाद

📌 GS-II और निबंध में उपयोगी टर्म्स:

  • रणनीतिक स्वायत्तता

  • बहुध्रुवीय विश्व

  • ऊर्जा सुरक्षा

  • आर्थिक राष्ट्रवाद

  • नियम आधारित व्यवस्था का पक्षपात


⚖️ भारत के पास तीन रणनीतिक विकल्प

विकल्प 1: यथास्थिति बनाए रखें — और सह लें

  • रूसी तेल की खरीद जारी रखें

  • अमेरिका और यूरोप से FTA की कोशिश जारी रखें

  • उम्मीद करें कि दबाव जल्द कम होगा

📌 यह संयमपूर्ण लेकिन साहसी नीति है


🌍 विकल्प 2: पूर्व की ओर झुकाव — नए साझेदार खोजें

  • GCC, EAEU, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड आदि से तेज़ी से समझौते करें

  • ASEAN के साथ AITIGA पुनः negotiate करें

  • RCEP को फिर से विचार करें

📌 पिछले हफ्तों में Piyush Goyal ने ASEAN को “चीन की बी-टीम” कहा था, लेकिन अब परिस्थितियाँ नीति बदल सकती हैं


🛑 विकल्प 3: प्रतिउत्तर — दबाव का जवाब दबाव से

  • BTIA (EU) और व्यापार/न्यूक्लियर वार्ता (US) को स्थगित करना

  • ईरान और वेनेज़ुएला से फिर से तेल खरीदना

  • ब्रिक्स, गाजा, और पाकिस्तान नीति पर अमेरिका के दोहरे मापदंडों का खुला विरोध

📌 ये आक्रामक परंतु आत्मनिर्भर नीति होगी


🌐 बड़ा सवाल: भारत विश्व व्यवस्था में कहाँ खड़ा है?

क्या भारत एक:

नियम मानने वाला राष्ट्र (Rule-taker)?
नियम तोड़ने वाला राष्ट्र (Rule-breaker)?
या नियम बनाने वाला राष्ट्र (Rule-maker)?

संदर्भ:

  • गाजा युद्ध बनाम यूक्रेन युद्ध — पश्चिम की दोहरी नैतिकता

  • ट्रंप की “डीलमेकर” शैली — साझेदारी नहीं, दबाव

  • Quad, Indo-Pacific रणनीति का भविष्य अब अनिश्चित दिखता है


📌 Prelims के लिए तथ्यात्मक नोट्स

  • Rosneft क्या है?

  • Vadinar Refinery कहाँ है?

  • CRAMRA क्या है?

  • AITIGA और RCEP के बारे में जानें

  • EAEU सदस्य देश कौन हैं?


✍️ Mains उत्तरलेखन / निबंध दृष्टिकोण

GS-II प्रश्न:

“रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की ऊर्जा नीति और रणनीतिक स्वायत्तता पर अमेरिका और यूरोप के दबाव का मूल्यांकन कीजिए।” (250 शब्द)

संभावित निबंध विषय:

“अस्थिर मित्रों की दुनिया में, केवल राष्ट्रीय हित ही स्थायी होते हैं।”


🎯 निष्कर्ष: दबाव की राजनीति का उत्तर केवल संकल्प से दिया जा सकता है

भारत स्पष्ट कह चुका है:

“दूसरों की लड़ाई में हमसे कीमत न मांगे — खासकर जब आप खुद अपने हाथ रंगे बैठे हों।”

आज विदेश नीति में धैर्य, दृष्टि और देशप्रेम — तीनों चाहिए।


संघर्ष नहीं, स्वाभिमान की नीति चाहिए। UPSC की तैयारी सिर्फ जानकारी नहीं — दृष्टिकोण भी माँगती है।

— सूर्यवंशी IAS
नीति में राष्ट्रप्रेम, रणनीति में आत्मबल

No comments:

Post a Comment

Mitochondrial Origins of Sleep Pressure

  Mitochondrial Origins of Sleep Pressure Source: Raffaele Sarnataro, Cecilia D. Velasco, Nicholas Monaco, Anissa Kempf & Gero Miesen...