5 से 7 वर्ष के बच्चों के लिए Aadhaar बायोमेट्रिक अपडेट क्यों ज़रूरी है?
✍️ सूर्यवंशी, आईएएस
"बचपन की पहचान, भविष्य की बुनियाद" — आधार अपडेट से ही बनेगी यह पहचान मजबूत।
भारत में आधार कार्ड केवल एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि डिजिटल जीवनशैली का प्रवेशद्वार बन चुका है। स्कूल में दाख़िले से लेकर छात्रवृत्ति, सरकारी योजनाओं तक — आधार हर जगह आवश्यक है।
अब UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक संदेश जारी किया है:
👉🏻 जिन बच्चों की उम्र 5 से 7 वर्ष के बीच है, उनके आधार बायोमेट्रिक्स को अनिवार्य रूप से अपडेट करें।
🔍 क्या है यह बायोमेट्रिक अपडेट?
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जब बच्चा 5 साल से छोटा होता है, तब आधार में फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन नहीं लिए जाते क्योंकि वे पूरी तरह परिपक्व नहीं होते।
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लेकिन 5 वर्ष के बाद, बच्चे का फिंगरप्रिंट और आंखों की पहचान (iris scan) लिया जाना आवश्यक होता है।
इस प्रक्रिया को कहा जाता है: Mandatory Biometric Update (MBU)
🕒 समय सीमा क्यों ज़रूरी है?
UIDAI के अनुसार:
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यदि यह बायोमेट्रिक अपडेट 7 वर्ष की उम्र से पहले किया जाता है, तो यह नि:शुल्क होता है।
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यदि 7 वर्ष के बाद कराया गया तो ₹100 का शुल्क देना होगा।
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यदि अपडेट नहीं किया गया, तो UIDAI आपके बच्चे का आधार अस्थायी रूप से निरस्त कर सकता है।
🎯 आधार अपडेट क्यों ज़रूरी है?
बायोमेट्रिक अपडेट के बाद ही बच्चा:
✔️ स्कूलों में प्रवेश के लिए डिजिटल पहचान दे सकता है
✔️ सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं में लाभ उठा सकता है
✔️ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का लाभ ले सकता है
✔️ भविष्य में किसी प्रवेश परीक्षा या सरकारी सेवा में आधार का प्रयोग कर सकता है
याद रखें: आधार का सही और अपडेटेड रिकॉर्ड ही सुविधाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित करता है।
📱 कैसे करें अपडेट?
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निकटतम आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाकर
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बच्चे के साथ माता/पिता की उपस्थिति आवश्यक
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साथ ले जाएं:
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बच्चे का आधार कार्ड
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माता/पिता का आधार कार्ड
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बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र (यदि पूछा जाए)
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UIDAI बच्चों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भेजकर भी जानकारी दे रहा है।
🚨 क्या हो सकता है यदि अपडेट न किया गया?
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बच्चे का आधार सक्रिय नहीं रहेगा
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स्कूलों में दाख़िला, सरकारी योजना में नामांकन, या सब्सिडी प्राप्त करने में रुकावट आ सकती है
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भविष्य में आधार सत्यापन विफल हो सकता है
📚 UPSC/GS-2 के लिए प्रासंगिक बिंदु:
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डिजिटल पहचान और बाल अधिकार
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डिजिटल गवर्नेंस में आधार की भूमिका
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DBT और e-KYC जैसी योजनाओं में आधार का महत्व
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UIDAI के नीति-संकेतक कदम और नागरिक सहभागिता
📝 निष्कर्ष
“यदि डिजिटल इंडिया का सपना साकार करना है, तो उसकी नींव बचपन में रखी जानी चाहिए — और वह नींव है, एक अद्यतन और सक्रिय आधार।”
बच्चों का भविष्य उनकी पहचान की मजबूती पर टिका है। इसीलिए, आज ही सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे का आधार बायोमेट्रिक अपडेट हुआ है या नहीं। यह छोटा-सा कदम, बड़े सपनों की पहली सीढ़ी बन सकता है।
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