Blog Archive

Thursday, July 24, 2025

AI और क्रिटिकल थिंकिंग: ऑटोमेशन के युग में इंसानी बढ़त

 

AI और क्रिटिकल थिंकिंग: ऑटोमेशन के युग में इंसानी बढ़त

✍️ Suryavanshi IAS द्वारा | UPSC छात्रों के लिए | GS-II | GS-IV | July 2025


🔍 भूमिका: जब मशीनें सोचने लगीं, तो इंसान क्या करेगा?

आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) सिर्फ तकनीकी पृष्ठभूमि में नहीं है — यह आपके फोन में है, ईमेल में है, और शायद आपके ऑफिस की रिपोर्ट भी वही बना रहा हो।

Microsoft की 2024 Work Trend रिपोर्ट बताती है कि:

  • 75% Gen Z और

  • 68% मिलेनियल्स
    हर सप्ताह AI टूल्स जैसे ChatGPT और Copilot का उपयोग कार्यस्थल पर कर रहे हैं।

लेकिन जैसे-जैसे AI हमारा काम करने लगा, एक सवाल उठता है:

क्या हम सोचने का काम AI को दे रहे हैं?

World Economic Forum की Future of Jobs रिपोर्ट 2025 के अनुसार — आने वाले समय में Critical Thinking यानी नैतिक और तार्किक सोच दुनिया की सबसे ज़रूरी प्रतिभाओं में से एक होगी।


⚙️ AI क्या कर सकता है — और क्या नहीं

AI कर सकता है:

  • ईमेल लिखना

  • डेटा एनालिसिस करना

  • पैटर्न पहचानना

लेकिन वह न्याय नहीं कर सकता, संदेह नहीं कर सकता, सवाल नहीं पूछ सकता

कल्पना करें:

  • AI ने किसी ट्रांज़ैक्शन को धोखाधड़ी बताया, पर एक अच्छा विश्लेषक पूछेगा: क्यों? क्या ये सच में गलत है?

  • एक रोग निदान AI ने बीमारी बताई, लेकिन डॉक्टर मरीज की जीवनशैली, बैकग्राउंड और रिपोर्ट को जोड़कर अंतिम निर्णय लेगा।

📌 AI गिनती कर सकता है, पर सोच सिर्फ इंसान ही सकता है।


🧠 क्यों ज़रूरी है क्रिटिकल थिंकिंग?

🌍 समाज के लिए:

  • क्या surveillance नैतिक है?

  • AI की मदद से भर्ती करना कितना निष्पक्ष है?

🏢 व्यापार के लिए:

  • PR अधिकारी को न सिर्फ सेंटीमेंट डेटा देखना है, बल्कि कानूनी और सामाजिक भरोसे की जिम्मेदारी भी समझनी है।

🏛️ प्रशासन और नीति के लिए:

  • पब्लिक पॉलिसी बनाते समय यह सोच जरूरी है कि डेटा किससे लिया गया, उसका प्रभाव किन पर पड़ा।

“टेक्नोलॉजी एक औज़ार है। लेकिन प्रगति को दिशा इंसानी सोच ही देती है।”
— Suryavanshi IAS


📚 UPSC सिलेबस से जुड़ाव:

GS पेपर-II (गवर्नेंस और पॉलिटी)

  • पड़ोसी देशों से संबंध

  • टेक्नोलॉजी का प्रशासन में उपयोग

GS पेपर-IV (नैतिकता और निर्णय क्षमता)

  • नैतिक दुविधाएँ

  • मूल्य आधारित निर्णय

  • सार्वजनिक जीवन में सोच की भूमिका


🎯 Mains Practice प्रश्न:

प्रश्न: "कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में, क्रिटिकल थिंकिंग ही सबसे मूल्यवान मानवीय गुण है।" सार्वजनिक सेवा और शासन के संदर्भ में चर्चा करें।
(250 शब्दों में उत्तर दें)


📝 Prelims 2025 अभ्यास प्रश्न:

  1. World Economic Forum की Future of Jobs रिपोर्ट 2025 के अनुसार, आने वाले समय की शीर्ष 3 प्रतिभाओं में कौन-सी प्रतिभा शामिल है?
    a) डेटा एंट्री
    b) क्रिटिकल थिंकिंग
    c) टेली कम्युनिकेशन
    d) सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन
    उत्तर: b)

  2. निम्नलिखित में से कौन-सी AI की प्रशासन में सीमा है?
    a) डेटा विश्लेषण
    b) निर्णय लेने की नैतिकता
    c) पैटर्न पहचानना
    d) पूर्वानुमान लगाना
    उत्तर: b)


👩‍🎓 UPSC अभ्यर्थियों के लिए संदेश:

आपकी भूमिका सिर्फ टूल्स इस्तेमाल करने की नहीं होगी, बल्कि यह तय करने की होगी कि कौन-सा टूल कब और क्यों इस्तेमाल करें

क्रिटिकल थिंकिंग आपको:

  • संदेह करना सिखाती है

  • पूर्वाग्रह पहचानना सिखाती है

  • खुद से सवाल करना सिखाती है

  • नीतियों को व्यावहारिक और नैतिक बनाने में मदद करती है

🧭 जब कोई नया AI टूल आए, सिर्फ सीखना नहीं — ये भी सोचें:

  • ये क्यों बना?

  • इससे कौन प्रभावित होगा?

  • इसमें कौन-से जोखिम छिपे हैं?


🔑 निष्कर्ष: AI के युग में सोचने वालों की ज़रूरत

AI आपके लिए काम कर सकता है, लेकिन सोच का काम आपका ही है।

सच्चे नेता, अधिकारी और समाज सुधारक वे होंगे जो मशीन की गणना के साथ नैतिक और विवेकपूर्ण निर्णय लेना जानते हैं।

💡 जो इंसान सवाल पूछना नहीं छोड़ता, वही तकनीक का सही उपयोगकर्ता बनता है।


✍️ Suryavanshi IAS द्वारा
📚 और पढ़ें: http://suryavanshiias.blogspot.com
📌 हर दिन पढ़ें – सोचें – सफल हों

No comments:

Post a Comment

प्रश्न: भोजन संबंधी परिवर्तनों ने मानव की शारीरिक व सांस्कृतिक विकास को कैसे प्रभावित किया? पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ स्पष्ट कीजिए।

  प्रश्न: भोजन संबंधी परिवर्तनों ने मानव की शारीरिक व सांस्कृतिक विकास को कैसे प्रभावित किया? पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ स्प...