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Thursday, July 24, 2025

नक़्शों की सीमाएँ बदल सकती हैं, पर पहचान की लड़ाई कहाँ आसान होती है?

 

नक़्शों की सीमाएँ बदल सकती हैं, पर पहचान की लड़ाई कहाँ आसान होती है?

🇮🇳 भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता (LBA) 2015 और 2025 की पहचान-परीक्षा

✍️ By Suryavanshi IAS | यूपीएससी दृष्टिकोण | द्विभाषी ब्लॉग


🗓️ भाग 1: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – जब देश बदलते हैं, पर लोग वहीं रह जाते हैं

1974 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुए भूमि सीमा समझौते (LBA) का उद्देश्य था उन 162 एन्क्लेवों की समस्या का समाधान, जहाँ लोग वर्षों से ऐसी जमीन पर रह रहे थे जो दूसरे देश के अधिकार क्षेत्र में थी, लेकिन वहाँ बसने वाले नागरिक दूसरे देश के थे।

🔸 2015 में इस समझौते को मोदी सरकार ने क्रियान्वित किया और संसद में संवैधानिक संशोधन द्वारा पारित किया गया।

🔁 भारत-बांग्लादेश एन्क्लेव आदान-प्रदान
🔹 111 भारतीय एन्क्लेव बांग्लादेश को
🔹 51 बांग्लादेशी एन्क्लेव भारत को
📌 परिणाम: 14,000 से अधिक लोगों ने भारत आने और भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का विकल्प चुना।

इन लोगों को भारत सरकार ने:

  • सिटीजनशिप सर्टिफिकेट्स

  • आधार, वोटर आईडी, यात्रा पास

  • राज्य में बसने के लिए सहायता
    प्रदान की थी।


🚨 भाग 2: जून-जुलाई 2025 — नागरिक बन चुके लोग, संदिग्ध बना दिए गए

दिल्ली-हरियाणा सीमा पर चल रहे ईंट भट्टों (brick kilns) में कार्य कर रहे 6 बंगाली मज़दूरों को दिल्ली पुलिस ने “बांग्लादेशी घुसपैठिया” समझकर गिरफ्तार कर लिया।

📍 कौन थे वे लोग?

  • दिनहाटा, कोचबिहार (पश्चिम बंगाल) के निवासी

  • 2015 से भारतीय नागरिक, पूर्व में भारत के एन्क्लेव में रहते थे

  • 10 वर्षों से NCR में मजदूरी कर रहे थे

👮‍♂️ पुलिस की दलील:

  • मोबाइल में बांग्लादेशी डॉक्युमेंट पाए गए

  • कुछ लोग पैसे ट्रांसफर कर रहे थे बांग्लादेश में बसे परिजनों को

  • भाषा, वेशभूषा (लुंगी) और बोली से “संदिग्ध” लगे

🚫 असलियत:

  • उनके पास आधार, वोटर कार्ड, यात्रा पास, भूमि कागज़ थे

  • पुलिस ने उन्हें 6 दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखा

  • एक महिला और बच्चे को भी पहचान पत्र देने पर हिरासत में लिया

  • पुलिस ने बेल्टनुमा पट्टे से पीटा, ताकि वे “बांग्लादेशी” स्वीकारें


⚖️ भाग 3: संवैधानिक, नैतिक और प्रशासनिक प्रश्न

🔸 कानून का उल्लंघन:

  • दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 57 के अनुसार कोई भी व्यक्ति 24 घंटे से अधिक बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के हिरासत में नहीं रखा जा सकता

🔸 आधार बनाम नागरिकता:

  • पुलिस कहती है कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है — यह आंशिक रूप से सही है।

  • लेकिन इनके पास वोटर कार्ड और LBA प्रमाणपत्र भी थे — जिसे नजरअंदाज करना प्रशासनिक लापरवाही है।

🔸 विभाजनकारी नज़रिया:

  • केवल बंगाली मुस्लिम पहचान, भाषा और परिधान को संशय के आधार पर देखना — यह सीधे आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार) और आर्टिकल 21 (जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का उल्लंघन है।


📚 UPSC के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

🔹 GS Paper 2 (Governance & Polity):

  • नागरिकता कानून

  • केंद्र-राज्य संबंध (Delhi Police vs. Haryana jurisdiction)

  • मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

🔹 GS Paper 3 (Internal Security):

  • अवैध प्रवास, सीमा प्रबंधन, अस्थायी दस्तावेज़ों की भूमिका

🔹 GS Paper 4 (Ethics):

  • पुलिस की आचार संहिता

  • हाशिए पर बसे लोगों के प्रति संवेदनशीलता


🧠 सिविल सेवा दृष्टिकोण:

प्रश्नदृष्टिकोण
पुलिस अधिकार बनाम नागरिक स्वतंत्रतासंतुलन ज़रूरी है — सुरक्षा और संवैधानिक अधिकारों में
आधार और वोटर ID की विश्वसनीयताआधार नहीं, वोटर ID + नागरिकता प्रमाणपत्र निर्णायक होते हैं
भाषाई और सांस्कृतिक प्रोफाइलिंगये संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, UPSC में उत्तर देते समय नकारें

✍️ Mains उत्तर लेखन अभ्यास (GS-2):

प्रश्न: 2015 में भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते के बाद नागरिकता प्राप्त करने वालों के साथ प्रशासनिक भेदभाव भारतीय संघवाद और मानवाधिकारों पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। चर्चा कीजिए।
(250 शब्द)


📖 UPSC Prelims MCQs (द्विभाषी)

Q1. भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते (LBA) के अंतर्गत कितने एन्क्लेवों का आदान-प्रदान हुआ था?

How many enclaves were exchanged under the India-Bangladesh LBA?

a) 111
b) 51
c) 162 ✅
d) 100


Q2. कौन-सा दस्तावेज़ भारत में नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं माना जाता है?

Which of the following is not valid proof of Indian citizenship?

a) मतदाता पहचान पत्र / Voter ID
b) पासपोर्ट / Passport
c) आधार कार्ड / Aadhaar ✅
d) नागरिकता प्रमाण पत्र / Citizenship certificate


Q3. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार किसी को 24 घंटे से अधिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता?

Under which Article of the Constitution can no one be detained for more than 24 hours without a magistrate?

a) Article 20
b) Article 22 ✅
c) Article 14
d) Article 21


🎯 Suryavanshi IAS Takeaway:

"नक्शों में बदली सीमाओं से ज्यादा कठिन है पहचान और सम्मान की सीमाओं को स्थिर रखना।"
UPSC में आपको सिर्फ तथ्यों की नहीं, दृष्टिकोण और संवेदनशीलता की भी परीक्षा देनी होती है।

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