तकनीक, नैतिकता और जवाबदेही: एक सिविल सेवक की कसौटी
✍️ Suryavanshi IAS द्वारा UPSC ब्लॉग
"गलतियाँ व्यवस्था की कमजोरी दिखाती हैं, और त्रासदी विवेक की कमी।" – Suryavanshi J.K.
📰 दो घटनाएँ, एक गहरा संदेश
🚍 केरल की घटना – जैकफ्रूट और ब्रेथ एनालाइज़र
केरल के पंडालम डिपो में एक रोडवेज ड्राइवर ने ड्यूटी से पहले ज्यादा मात्रा में कटहल (jackfruit) खा लिया। जब उसका ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट हुआ, तो मशीन ने उसे "नशे में" दिखा दिया। तीन और ड्राइवरों का परिणाम भी ऐसा ही आया।
जांच में पाया गया कि कटहल खाने से मशीन में एल्कोहल डिटेक्शन बढ़ गया था, यानी टेक्नोलॉजी विफल हुई थी।
🚗 दिल्ली की घटना – शराबी चालक ने रौंदे 5 मजदूर
9 जुलाई को दिल्ली के वसंत विहार में एक शराब पीकर चलाए गए ऑडी कार ने फुटपाथ पर सो रहे 5 प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया। चालक – उत्सव शेखर, नोएडा से लौट रहा था। सभी पीड़ित राजस्थान के निवासी थे।
➡️ यह घटना नैतिक पतन, कानूनी लापरवाही, और सुरक्षा प्रबंधन की विफलता को दर्शाती है।
📘 UPSC प्रीलिम्स से जुड़ाव
विषय | संबंधित भाग |
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विज्ञान व तकनीक | ब्रेथ एनालाइज़र जैसे उपकरणों की सीमाएं |
राजनीति व शासन | जवाबदेही, लोक सेवा की नैतिकता |
समसामयिक घटनाएँ | नीति-निर्माण में वास्तविक घटनाओं की भूमिका |
📝 प्रीलिम्स के पिछले प्रश्न
(विज्ञान, 2021):
कौन-कौन से कारक झूठे पॉज़िटिव (false positive) परिणाम उत्पन्न कर सकते हैं?
→ जैकफ्रूट केस इससे जोड़ा जा सकता है।
(राजनीति, 2019):
मानव अधिकार आयोग की शक्तियाँ और सीमाएँ।
→ दिल्ली हादसा मानवाधिकार के उल्लंघन से संबंधित है।
📚 UPSC मेन्स के लिए दृष्टिकोण
📜 GS पेपर II – शासन, जवाबदेही, कानून
प्रश्न (2022):
"संस्थागत जवाबदेही लोक सेवा वितरण की नींव है। स्पष्ट कीजिए।"
उत्तर की रूपरेखा:
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केरल केस: तकनीकी उपकरणों की जांच और पारदर्शिता की आवश्यकता
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दिल्ली केस: सख्त कानून, निगरानी प्रणाली और सड़क सुरक्षा की आवश्यकता
🧭 GS पेपर IV – नैतिकता और लोक सेवा
UPSC PYQ (2021):
"लोक सेवक किसे कहते हैं? उनमें कौन-कौन से गुण होने चाहिए?"
केस स्टडी विचार:
आप एक परिवहन अधिकारी हैं। एक ड्राइवर का एल्कोहल टेस्ट पॉज़िटिव आता है लेकिन वह दावा करता है कि उसने शराब नहीं पी। तीन और ड्राइवरों के टेस्ट भी पॉज़िटिव आते हैं। आप क्या करेंगे?
संभावित समाधान:
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चिकित्सा जांच कराना
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ब्रेथ एनालाइज़र की विश्वसनीयता की जांच
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यात्री सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए
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निष्पक्ष निर्णय लेना
✍️ निबंध पेपर के लिए सुझाव
विषय: “तकनीक और नैतिकता: क्या एक दूसरे की जगह ले सकते हैं?”
संरचना:
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भूमिका: केरल और दिल्ली की घटना का उल्लेख
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तर्क: तकनीक बिना मानवीय विवेक के अधूरी है
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निष्कर्ष: तकनीक व नैतिकता दोनों का संतुलन आवश्यक है
🧠 Suryavanshi IAS की रणनीति
✅ सटीक पाठ्यक्रम आधारित अध्ययन
✅ पिछले प्रश्नपत्रों का विश्लेषण
✅ नैतिकता की गहराई से तैयारी
✅ उत्तर लेखन में उदाहरणों का उपयोग
🔚 निष्कर्ष
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केरल की घटना बताती है कि तकनीक में खामी हो सकती है, लेकिन मानवीय विवेक से उसका समाधान संभव है।
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दिल्ली की घटना हमें याद दिलाती है कि नैतिक पतन और कानूनी चूक का मूल्य निर्दोष लोगों की जान से चुकाना पड़ता है।
🧾 अंतिम संदेश – Suryavanshi J.K. द्वारा
"UPSC में सफल वही होता है जो तकनीकी समझ, नैतिक मूल्यों और प्रशासनिक निर्णय का संतुलन रखता है।"
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