Blog Archive

Monday, August 4, 2025

⚡️ "संख्या से परे: सीआरएस डेटा और भारत में छुपा हुआ कोविड-19 मृत्यु संकट"

 सूर्यवंशी IAS | यूपीएससी मेंस एवं प्रीलिम्स इनसाइट्स

⚡️ "संख्या से परे: सीआरएस डेटा और भारत में छुपा हुआ कोविड-19 मृत्यु संकट"

🔹 प्रसंग: यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) के 2019–2021 के आंकड़ों ने आधिकारिक कोविड-19 मृत्यु संख्या और वास्तविक 'अतिरिक्त मृत्यु दर' के बीच भारी अंतर को उजागर किया है। भावी प्रशासनिक अधिकारियों के लिए इन विसंगतियों को समझना सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासन और पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए आवश्यक है — जो यूपीएससी के सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम के दो मूल स्तंभ हैं।


📊 "अतिरिक्त मृत्यु दर" क्या है?

परिभाषा: सामान्य स्थितियों की अपेक्षा से अधिक हुई मृत्यु संख्या।

भारत के सीआरएस आंकड़े:

  • 2019: 76.4 लाख मौतें

  • 2020: 81.11 लाख

  • 2021: 1.02 करोड़

📅 निष्कर्ष: 2020–21 में लगभग 25 लाख अतिरिक्त मौतें हुईं, जबकि आधिकारिक कोविड मृत्यु संख्या ~5.3 लाख रही। इससे WHO के 47 लाख कोविड-सम्बंधित मौतों के अनुमान को बल मिलता है।


🔹 प्रमुख रिपोर्ट्स और उनके निष्कर्ष

1. मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज़ ऑफ डेथ (MCCD)

  • 2021 में केवल 23.4% पंजीकृत मौतों को चिकित्सकीय प्रमाण मिला।

  • कोविड-19 को दूसरा सबसे बड़ा मृत्यु कारण बताया गया।

2. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS)

  • मौखिक पोस्टमार्टम आधारित मृत्यु डेटा प्रदान करता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज कम है।

3. राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5)

  • 2016–2020 के बीच लगभग 29% मौतें पंजीकृत नहीं हुईं।


⚠️ प्रणालीगत चुनौतियाँ

  • सार्वभौमिक मृत्यु पंजीकरण का अभाव

  • कमजोर चिकित्सकीय प्रमाणन प्रणाली

  • कोविड मौतों का गलत वर्गीकरण

  • अप्रत्यक्ष मौतें (जैसे स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा)

  • WHO अनुमानों पर भारत सरकार की असहमति


🔹 क्षेत्रीय साक्ष्य

केरल के एक अध्ययन में पाया गया:

  • 34% मौतें कोविड से अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित थीं (जैसे देर से इलाज, मानसिक समस्याएँ)

  • 9% मौतें गलत वर्गीकृत थीं

  • केरल में भी, केवल 61% मौतें समय पर पंजीकृत हुईं (2021)


🔸 राज्य-स्तरीय अतिरिक्त मृत्यु और आधिकारिक कोविड मौतों का अंतर

राज्यअतिरिक्त मौतें (CRS)आधिकारिक कोविड मौतेंअनुपात (अंडरकाउंट)
गुजरात2.63 लाख~5,80035 गुना
मध्य प्रदेश1.26 लाख~6,90018 गुना
तेलंगाना31,000+~2,48612 गुना
केरल68,98144,2351.6 गुना (सबसे सटीक)

🧬 शासन पर प्रभाव

  • मुआवज़ा योजना और स्वास्थ्य ढांचे की योजना प्रभावित

  • पारदर्शिता और डेटा अखंडता पर प्रश्न

  • सार्वजनिक विश्वास में गिरावट और निगरानी प्रणाली कमजोर


📚 यूपीएससी पाठ्यक्रम से संबंध

GS पेपर II:

  • सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

  • स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव संसाधन

  • लोकतंत्र में सिविल सेवा की भूमिका

GS पेपर III:

  • आपदा प्रबंधन

  • दैनिक जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (निगरानी प्रणाली)

निबंध पेपर:

  • "आँकड़े झूठ नहीं बोलते, पर गलत गिनती हो सकती है"

  • "संकट के समय में सत्य: डेटा, शासन और जनता का विश्वास"

GS पेपर IV (नैतिकता):

  • पारदर्शिता और जवाबदेही

  • संकट कालीन नैतिक शासन


🔍 यूपीएससी में पूछे गए प्रश्न (पूर्व वर्षों से सीधे)

🔸 प्रीलिम्स 2020

प्रश्न: भारत के संदर्भ में, सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. इसे स्वास्थ्य मंत्रालय के NFHS के तहत संचालित किया जाता है।

  2. यह जन्म दर, मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर का विश्वसनीय अनुमान देता है।

  3. यह मृत्यु कारणों का निर्धारण मौखिक पोस्टमार्टम से करता है।

A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
✅ C. केवल 2
D. उपरोक्त सभी

व्याख्या: SRS को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया संचालित करता है, न कि NFHS। यह डेमोग्राफिक अनुमान देता है पर मौखिक पोस्टमार्टम नियमित रूप से नहीं करता।


🔸 मेंस GS पेपर II (2021)

प्रश्न: सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम भारत में शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को कैसे बेहतर बनाता है — आलोचनात्मक परीक्षण करें।

उत्तर बिंदु:

  • जनसांख्यिकीय डेटा नीति निर्माण में सहायक

  • महामारी के दौरान वास्तविक मृत्यु संख्या की पहचान में अहम

  • लक्षित लाभ वितरण और मुआवज़ा योजनाओं के लिए अनिवार्य

  • इसे मजबूत करना आवश्यक है ताकि अंडररिपोर्टिंग न हो


🔸 प्रीलिम्स 2019

प्रश्न: भारत में 'मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज़ ऑफ डेथ (MCCD)' योजना का उद्देश्य क्या है?

A. इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन लागू करता है।
✅ B. यह मृत्यु के कारणों की जानकारी सुधारने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम है।
C. यह घर पर हुई मौतों के लिए अनिवार्य है।
D. यह केवल शहरी क्षेत्रों में लागू होती है।

व्याख्या: MCCD का उद्देश्य मृत्यु कारणों का प्रमाणन बढ़ाना है। यह केवल किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं है।


📑 नीति सुझाव

  1. 2026 की जनगणना में मृतकों से जुड़े प्रश्न शामिल करें

  2. मृत्यु पंजीकरण को अनिवार्य और डिजिटल करें

  3. CRS और MCCD को SRS से जोड़ा जाए

  4. राज्यवार डेटा का सार्वजनिक ऑडिट हो

  5. रजिस्ट्रेशन अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करें


🖋️ निष्कर्ष

यह संकट केवल आंकड़ों का नहीं, बल्कि लोगों के जीवन, भरोसे और शासन का है। भावी सिविल सेवकों के लिए यह आवश्यक है कि वे समझें कि कहां चूक हुई और भविष्य में इसे कैसे पारदर्शी और नैतिक ढंग से ठीक किया जा सकता है।


🎓 प्रस्तुतकर्ता: सूर्यवंशी IAS
यूपीएससी के लिए उत्कृष्ट मार्गदर्शन | नैतिकता — विश्लेषण — परिशुद्धता

No comments:

Post a Comment

Money Laundering in India: Challenges, Legal Framework & Global Cooperation

  Money Laundering in India: Challenges, Legal Framework & Global Cooperation ✍️ UPSC-Oriented Summary & Analysis by Suryavanshi IA...