SURYAVANSHI IAS | उत्तर लेखन प्रारूप (हिंदी में) प्रश्नपत्र: सामान्य अध्ययन – 3
प्रश्न: ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के आतंकवाद-रोधी दृष्टिकोण को पुनर्परिभाषित किया है। बदलते आंतरिक और बाह्य खतरों की पृष्ठभूमि में इस कथन की समालोचनात्मक समीक्षा कीजिए। (250 शब्द)
✅ संरचित उत्तर प्रारूप
परिचय:
ऑपरेशन सिंदूर, जो मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रारंभ हुआ, भारत की आतंकवाद-रोधी नीति में एक निर्णायक मोड़ सिद्ध हुआ है। पहले की कार्रवाइयों (जैसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक व 2019 का बालाकोट हमला) की तुलना में यह अभियान सुव्यवस्थित, त्वरित और तकनीक-संचालित रहा।
मुख्य भाग:
1. बदलते खतरे:
आंतरिक: हाइब्रिड खतरे – कट्टरपंथ, ड्रोन घुसपैठ, साइबर-भ्रामकता।
बाह्य: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जो पारंपरिक युद्ध के नीचे की रणनीति अपनाता है।
2. ऑपरेशन सिंदूर की विशेषताएँ:
88 घंटे की अवधि, 23 मिनट में सटीक लक्ष्य, 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त।
त्रि-सेना समन्वय: थलसेना, वायुसेना, नौसेना का समेकित उपयोग।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सैटेलाइट निगरानी, स्मार्ट हथियारों का प्रयोग।
मनोवैज्ञानिक व रणनीतिक दबाव – पाकिस्तान ने संघर्ष विराम मांगा।
3. रणनीतिक व तकनीकी बदलाव:
पाँचवीं पीढ़ी के युद्ध की दिशा में बढ़त: “बूट्स के साथ बॉट्स।”
सिद्धांतगत स्पष्टता: प्रतिक्रिया से प्रतिरोध की ओर बदलाव।
अग्निशोध की स्थापना – IIT मद्रास के साथ आत्मनिर्भर रक्षा शोध।
4. आलोचनात्मक दृष्टिकोण:
रणनीतिक अति और कूटनीतिक तनाव की संभावनाएँ।
सटीक हमलों में नैतिक प्रश्न – नागरिक क्षति व अनुपातिकता।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के आतंकवाद-रोधी दृष्टिकोण को गति, आत्मनिर्भरता और निर्णायक सिद्धांतों के माध्यम से पुनर्परिभाषित किया है। इसकी दीर्घकालीन सफलता संस्थागत तैयारी, नैतिक संयम और तकनीकी नवाचार पर निर्भर करेगी।
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