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Tuesday, August 12, 2025

भारत की पहली स्वदेशी वाणिज्यिक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कंस्टेलेशन: स्पेस टेक्नोलॉजी और शासन में गेम-चेंजर

 भारत की पहली स्वदेशी वाणिज्यिक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कंस्टेलेशन: स्पेस टेक्नोलॉजी और शासन में गेम-चेंजर

सूर्यवंशी आईएएस द्वारा

परिचय

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने हाल ही में पिक्सेलस्पेस इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का चयन किया है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत भारत की पहली पूर्णतः स्वदेशी वाणिज्यिक अर्थ ऑब्जर्वेशन (EO) सैटेलाइट कंस्टेलेशन को डिजाइन, निर्माण और संचालित करेगायह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जो निजी क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है

यह विकास UPSC अभ्यर्थियों के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है, क्योंकि यह जनरल स्टडीज (GS) पाठ्यक्रम के कई खंडों से जुड़ता है, जिनमें शामिल हैं:

  • GS-III: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी)
  • GS-III: आर्थिक विकास (PPP मॉडल, अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र)
  • GS-III: पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन (EO सैटेलाइट्स के अनुप्रयोग)
  • GS-II: शासन (डेटा संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा)

आइए, इस पहल के प्रमुख पहलुओं और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र, शासन और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को समझते हैं


EO सैटेलाइट कंस्टेलेशन परियोजना के प्रमुख बिंदु

  1. पहली पूर्णतः स्वदेशी वाणिज्यिक EO कंस्टेलेशन
    • PPP मॉडल (सरकार + निजी कंसोर्टियम) के तहत विकसित
    • निवेश: निजी कंसोर्टियम द्वारा ₹1,200 करोड़ से अधिक
    • सैटेलाइट्स: 12 उन्नत EO सैटेलाइट्स, जिनमें शामिल होंगे:
      • पैनक्रोमैटिक, मल्टीस्पेक्ट्रल, हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर
      • माइक्रोवेव सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) – सभी मौसम में इमेजिंग के लिए
  2. कंसोर्टियम के सदस्य
    • पिक्सेलस्पेस इंडिया (बेंगलुरु) – प्रमुख
    • पियरसाइट स्पेस, सैटश्योर एनालिटिक्स, ध्रुव स्पेस
  3. अनुप्रयोग
    • कृषि (फसल निगरानी, मिट्टी की सेहत)
    • आपदा प्रबंधन (बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन)
    • जलवायु परिवर्तन निगरानी (वनों की कटाई, कार्बन उत्सर्जन)
    • राष्ट्रीय सुरक्षा एवं निगरानी (सीमा प्रबंधन)
    • शहरी नियोजन एवं अवसंरचना
  4. रणनीतिक महत्व
    • विदेशी सैटेलाइट डेटा पर निर्भरता कम करेगा
    • डेटा संप्रभुता सुनिश्चित करेगा (राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण)।
    • भारत को वैश्विक भू-स्थानिक खुफिया नेता के रूप में स्थापित करेगा

यह UPSC के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

1. GS-III: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) से संबंध

  • पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs):
    • 2023 प्रीलिम्स:

प्रश्न: भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.
यह निजी कंपनियों को सैटेलाइट बनाने और लॉन्च करने की अनुमति देता है
*2. IN-SPACe
निजी अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए नियामक निकाय के रूप में कार्य करता है।*
कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
उत्तर: 1 और 2 दोनों सही हैं
(
स्पष्टीकरण: भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देती है, और IN-SPACe निजी अंतरिक्ष गतिविधियों को विनियमित करता है।)

    • 2011 प्रीलिम्स:

प्रश्न: RISAT श्रृंखला के उपग्रहों का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
उत्तर: सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) का उपयोग करके सभी मौसम में पृथ्वी का अवलोकन

  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • EO सैटेलाइट्स (जैसे RISAT और अब पिक्सेल-नेतृत्व वाली कंस्टेलेशन) भारत की रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को बढ़ाएंगी
    • अंतरिक्ष में PPP: भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है

2. GS-III: आर्थिक विकास (PPP मॉडल) से संबंध

  • PYQ (2019 मेन्स):

"भारत में अवसंरचना विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) की भूमिका पर चर्चा कीजिए।"

    • मुख्य बिंदु:
      • अंतरिक्ष क्षेत्र में PPP सरकार का बोझ कम करता है, दक्षता लाता है
      • उदाहरण: पिक्सेलस्पेस कंसोर्टियम ₹1,200 करोड़ का निवेश कर रहा है

3. GS-III: पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन से संबंध

  • PYQ (2022 प्रीलिम्स):

प्रश्न: भारत में आपदा प्रबंधन के लिए निम्नलिखित में से किस उपग्रह का उपयोग किया जाता है?
a)
कार्टोसैट
*b) INSAT-3DR*
c)
ओशनसैट
d)
उपर्युक्त सभी
उत्तर: d) उपर्युक्त सभी

  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • नई EO कंस्टेलेशन हाई-रिज़ॉल्यूशन SAR और हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग के साथ भारत की आपदा प्रतिक्रिया को मजबूत करेगी

4. GS-II: शासन (डेटा संप्रभुता एवं सुरक्षा) से संबंध

  • PYQ (2020 मेन्स):

"डेटा नया तेल हैभारत के शासन और सुरक्षा पर इसके प्रभावों की चर्चा कीजिए।"

    • मुख्य बिंदु:
      • विदेशी सैटेलाइट डेटा पर निर्भरता (जैसे अमेरिका, यूरोप) जोखिम पैदा करती है
      • स्वदेशी EO डेटा रणनीतिक स्वायत्तता सुनिश्चित करेगा

निष्कर्ष: आगे का रास्ता

पिक्सेल-नेतृत्व वाली EO कंस्टेलेशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है, जो निम्नलिखित के अनुरूप है:

  • आत्मनिर्भर भारत (विदेशी निर्भरता कम करना)।
  • स्पेस रिफॉर्म्स 2020 (निजी क्षेत्र की भागीदारी)।
  • डिजिटल इंडिया एवं स्मार्ट सिटीज (शहरी नियोजन अनुप्रयोग)।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए यह विकास महत्वपूर्ण है:
 प्रीलिम्स: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, PPP, EO सैटेलाइट्स
 मेन्स: शासन, आपदा प्रबंधन, आर्थिक विकास
 इंटरव्यू: भारत का अंतरिक्ष निजीकरण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा


प्रीलिम्स अभ्यास प्रश्न (पिछले रुझानों के आधार पर)

प्रश्न 1. IN-SPACe के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह भारत में निजी अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए नियामक निकाय है
  2. यह अंतरिक्ष विभाग (DoS) के अधीन कार्य करता है
  3. इसकी स्थापना भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के बाद हुई

कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
a)
केवल 1 और 2
b)
केवल 2 और 3
c)
केवल 1 और 3
d)
सभी

उत्तर: a) केवल 1 और 2
*(
स्पष्टीकरण: IN-SPACe की स्थापना 2020 में हुई, कि 2023 के बाद।)*

प्रश्न 2. पिक्सेलस्पेस-नेतृत्व वाली EO कंस्टेलेशन में निम्नलिखित में से कौन-से सेंसर शामिल होंगे?
a)
हाइपरस्पेक्ट्रल
b)
सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR)
c)
मल्टीस्पेक्ट्रल
d)
उपर्युक्त सभी

उत्तर: d) उपर्युक्त सभी


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