स्वास्थ्य संवाद | By Suryavanshi IAS
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव की हलचल और चुनौतियाँ
1. स्तनपान: एक अधिकार, न कि अपराध
आज भी भारत में सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को घूरा जाता है, टोका जाता है, और उनकी सुविधा के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है।
लेकिन क्या हम भूल रहे हैं कि स्तनपान:
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नवजात के लिए सर्वश्रेष्ठ पोषण है
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संक्रमण से बचाव, प्रतिरक्षा वृद्धि, और पाचन स्वास्थ्य में सहायक है
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पहले 6 महीनों के लिए ‘पूर्ण आहार’ है – सस्ता और सुरक्षित
और फिर भी, भारत में केवल 63.7% शिशु ही WHO के दिशानिर्देशों के अनुसार 6 महीने तक स्तनपान करते हैं।
समस्या सिर्फ चिकित्सा सुविधा की नहीं, यह सामाजिक मानसिकता और समर्थन प्रणाली की भी है।
समाधान क्या हो सकता है?
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जन्म के तुरंत बाद skin-to-skin contact और breast crawling को बढ़ावा देना
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हेल्थकेयर वर्कर्स का प्रशिक्षण
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मोबाइल क्रेच, लैक्टेशन पॉड, और काउंसलिंग सुविधा
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और सबसे ज़रूरी — सामाजिक स्वीकार्यता और सहानुभूति
“पुरुषों का सीना खोलना आम है, तो मातृत्व के इस कार्य को अपराध क्यों समझा जाए?”
2. जीवन के पहले 1,000 दिन: भविष्य निर्माण की नींव
डॉ. सत्यनारायण एल.डी. के अनुसार, एक शिशु के पहले 1,000 दिन उसके मस्तिष्क विकास के लिए ‘गोल्डन विंडो’ होते हैं।
इस दौरान दिया गया पोषण, संवेदनशील देखभाल, और सुरक्षित वातावरण बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य और सीखने की क्षमता को जीवनभर प्रभावित करता है।
3. भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में उल्लेखनीय घटनाक्रम
🩸 नई रक्त समूह खोज: CRIB
Rotary Bangalore TTK Blood Centre ने 38 वर्षीय महिला में एक नया ब्लड ग्रुप एंटीजन खोजा है — जो अब तक दुनिया में कहीं दर्ज नहीं हुआ था।
इसका नाम CRIB रखा गया है: Cromer – India – Bengaluru।
यह वैज्ञानिकों और भारत की रक्त विज्ञान उपलब्धियों के लिए गर्व का विषय है।
🍽️ खाद्य सुरक्षा: अब ग्राहक सशक्त होंगे
FSSAI ने आदेश जारी किया है कि:
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सभी रेस्टोरेंट्स, ढाबों, कैफ़े आदि को अपना लाइसेंस और QR कोड ग्राहक की नजर में दिखाना अनिवार्य होगा
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QR कोड से ग्राहक सीधी शिकायत दर्ज कर सकेंगे
यह सुरक्षा और जवाबदेही को मजबूत करेगा।
🫀 ऑर्गन ट्रांसप्लांट में भारत का रिकॉर्ड
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बताया कि 2024 में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए — भारत के इतिहास में सर्वाधिक।
लेकिन साथ ही, डोनर की कमी और अंग विफलता के मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक है।
समय आ गया है कि ऑर्गन डोनेशन को जन आंदोलन बनाया जाए।
🏥 Live Surgery के लिए नैतिक दिशा-निर्देश
National Medical Commission ने लाइव सर्जरी को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि मरीजों के अधिकार और चिकित्सा नैतिकता की रक्षा हो सके।
4. अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और सबक
💉 टीकाकरण दर में गिरावट (USA)
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में टीकाकरण दर घट रही है — एक चिंताजनक संकेत, जो रोग वापसी की आशंका बढ़ाता है।
🍺 Liver Cancer के 60% मामले रोके जा सकते हैं
Lancet की रिपोर्ट कहती है:
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हेपेटाइटिस
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शराब सेवन
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फैटी लिवर
इन कारणों पर ध्यान दिया जाए, तो दुनिया में लिवर कैंसर के 60% मामले रोके जा सकते हैं।
5. मलेरिया और मच्छर: सूक्ष्म शत्रु, विशाल संकट
अनिर्बान मुखोपाध्याय लिखते हैं कि कैसे मलेरिया जैसी बीमारियाँ सभ्यताओं को हिला सकती हैं।
भारत वैक्सीन डेवलपमेंट, नई तकनीक, और स्वास्थ्य नीति के ज़रिए इससे लड़ने के मार्ग पर है।
स्वच्छता, रोकथाम, और जागरूकता — यही तीन अस्त्र हैं।
6. विशेष विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय
🔹 UV सुरक्षा (डॉ. मोनिषा मधुमिता) – गहरे रंग की त्वचा भी सूरज की हानिकारक किरणों से सुरक्षित नहीं है
🔹 माउथवॉश का पोषण पर प्रभाव (स्मृति प्रभु) – आपकी दिनचर्या आपके पोषण अवशोषण को प्रभावित कर सकती है
🔹 IVF में पुरुषों की भूमिका (डॉ. कार्तिकेयन) – प्रजनन इलाज सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है
🔹 ‘Forever chemicals’ से लड़ाई में Gut microbes की भूमिका
🔹 कैंसर पर ध्यान केंद्रित:
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फेफड़ों के कैंसर की पहचान में देरी और समाधान (डॉ. रे जॉर्ज)
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व्यक्तिगत रेडिएशन उपचार (डॉ. सतीश श्रीनिवास)
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रोबोटिक सर्जरी और किडनी कैंसर (डॉ. रघुनाथ)
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कैंसर रिसर्च का महत्व (डॉ. वेंकटारमण)
🧭 निष्कर्ष: स्वास्थ्य सिर्फ इलाज नहीं, सामाजिक संरचना है
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मातृत्व को सम्मान दें
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स्वास्थ्य सुविधाओं को मानव-केंद्रित बनाएं
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विज्ञान को नीति में बदलें
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और हर नागरिक को जागरूक बनाएं
एक स्वस्थ भारत, सिर्फ अस्पतालों से नहीं — सोच, सहयोग और संवेदनशीलता से बनता है।
— Suryavanshi IAS
जन स्वास्थ्य | नीति सुधार | भारत पहले
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