अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ और वैश्विक व्यापार में पक्षपात: यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए विश्लेषण
परिचय
हाल ही में,
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय सामानों पर 25%
अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया,
जिसका कारण भारत का रूस से
तेल और सैन्य सामान की खरीद बताया गया। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका और यूरोपीय संघ
(EU) भी
रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए
हैं, जिससे वैश्विक व्यापार नीतियों में
पक्षपात साफ दिखता है। यह ब्लॉग इस मुद्दे का गहन विश्लेषण
करता है, भारत पर इसके प्रभावों
को समझाता है और साथ ही 2015-2025 के
बीच यूपीएससी में पूछे
गए संबंधित प्रश्नों को शामिल करता है।
मुख्य तर्क एवं डेटा
विश्लेषण
1. भारत का
रूस के साथ तेल
व्यापार
- यूक्रेन युद्ध के बाद (2022-2025):
- G7 देशों द्वारा रूसी तेल पर कीमत सीमा लगाए जाने
के कारण भारत
ने सस्ते दामों पर रूस से तेल आयात बढ़ाया।
- रूस का हिस्सा भारत के कुल तेल आयात में दोगुना हो गया,
जबकि इराक और
सऊदी अरब से
आयात घटा।
- विदेश मंत्रालय (MEA) का बचाव: अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर रखने के लिए भारत को
रूसी तेल खरीदने के लिए
प्रोत्साहित किया
था।
- यूरोपीय संघ (EU) और चीन भी रूस से अधिक तेल खरीद रहे हैं
- फरवरी 2022 से अगस्त 2025 के बीच, EU ने रूस के जीवाश्म ईंधन निर्यात से €212 बिलियन (22%) कमाया।
- नीदरलैंड्स ने
भारत से पेट्रोलियम उत्पादों का 19% आयात किया,
जो अप्रत्यक्ष रूप
से रूस को
फायदा पहुंचाता है।
- अमेरिका अभी भी रूस से उर्वरक आयात कर रहा है
- 2022 के बाद
अमेरिका ने
रूस से आयात 55%
घटाया, लेकिन 2025
में $800 मिलियन से अधिक के उर्वरक खरीदे।
2. भारत का
रूस के साथ सैन्य सामान व्यापार
- निर्भरता कम हो रही है:
- 1990 के दशक से,
भारत ने रूस
पर निर्भरता कम
कर फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका से सैन्य
सामान खरीदना बढ़ाया है।
- 2022 के बाद, भारत के 50%
से अधिक सैन्य आयात अभी भी
रूस से होते
हैं, लेकिन
यह प्रवृत्ति घट
रही है।
- अमेरिका का पाखंड: इजरायल को हथियारों की आपूर्ति
- अमेरिका, इजरायल का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता (1949 से 80%, 2022 से 100%) है।
- गाजा में इजरायल के हमलों (60,933+ मौतें)
को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने "नरसंहार" बताया
है।
3. ट्रम्प का
टैरिफ: आर्थिक या
राजनीतिक दबाव?
- संभावित कारण:
- यूक्रेन पर भारत के तटस्थ रुख की प्रतिक्रिया।
- "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत संरक्षणवादी व्यापार नीति।
- भारत-रूस संबंधों को कमजोर करने की रणनीति।
यूपीएससी से संबंधित प्रश्न (2015-2025)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) के प्रश्न
1. (2023) भारत के
तेल आयात के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
a) 2022 के बाद से भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ाया है।
b) यूक्रेन युद्ध के बाद EU
ने रूसी जीवाश्म ईंधन का आयात पूरी तरह बंद कर दिया है।
c) अमेरिका ने वैश्विक बाजार स्थिरता के लिए भारत को रूसी तेल खरीदने को प्रोत्साहित किया।
d) रूसी आयात बढ़ने के बावजूद इराक और सऊदी अरब भारत के शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बने हुए हैं।
उपरोक्त में से कौन
से कथन सही हैं?
- (1)
a, b, c
- (2)
a, c, d
- (3)
b, c, d
- (4)
a, b, d
उत्तर: (2)
a, c, d
2. (2024) निम्नलिखित में
से कौन सा देश
इजरायल का सबसे
बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता
है?
- (a)
फ्रांस
- (b)
जर्मनी
- (c)
रूस
- (d)
संयुक्त राज्य
अमेरिका
उत्तर: (d)
संयुक्त राज्य अमेरिका
मुख्य परीक्षा (Mains) के प्रश्न
1. (2024) भारतीय सामानों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के प्रभावों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। क्या भारत
के रूस के साथ
व्यापार संबंध ऐसे
कदमों को उचित
ठहराते हैं?
2. (2023) "रूस
के साथ भारत के
ऊर्जा व्यापार पर
पश्चिम की आलोचना पक्षपातपूर्ण है।"
वैश्विक व्यापार में
हाल के घटनाक्रम के
आलोक में इस कथन
की समीक्षा कीजिए।
3. (2022) रक्षा और
ऊर्जा साझेदारी में
अमेरिका और रूस
के बीच भारत की
रणनीतिक संतुलन नीति
की विवेचना कीजिए। यह
भारत की विदेश नीति
को कैसे प्रभावित करता
है?
निष्कर्ष एवं आगे की
राह
- भारत को ऊर्जा और रक्षा आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाने की आवश्यकता है।
- अमेरिका के साथ कूटनीतिक वार्ता महत्वपूर्ण है
ताकि व्यापार युद्ध
से बचा जा
सके।
- G20,
BRICS जैसे बहुपक्षीय मंचों का उपयोग निष्पक्ष व्यापार नीतियों के लिए
किया जाना चाहिए।
यह मुद्दा राजनीति, व्यापार और नैतिकता के जटिल संबंध को दर्शाता
है—जो यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ऐसे
ही और विश्लेषणों के
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