नींद न आने की समस्या का प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय: घी का दीया
अच्छी नींद क्यों जरूरी है?
अच्छी नींद शरीर और मन के लिए ऊर्जा का स्रोत है। नींद पूरी न होने से:
थकान और कमजोरी
तनाव और चिड़चिड़ापन
पाचन संबंधी समस्याएं (गैस, कब्ज)
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना
आयुर्वेदिक नुस्खा: घी का दीया (दीपक)
होलिस्टिक हेल्थ कोच श्लोका जोशी के अनुसार, सोते समय घी या अरंडी के तेल का दीया जलाने से गहरी नींद आती है।
यह कैसे काम करता है?
सांस लेने में आसानी
घी का धुआं नाक की रुकावट दूर करता है, खर्राटे कम करता है।
प्राकृतिक डिकंजेस्टेंट (जुकाम-एलर्जी में फायदेमंद)।
तंत्रिका तंत्र को शांत करता है
घी की सुगंध तनाव कम करती है (कोर्टिसोल हार्मोन घटाती है)।
मेलाटोनिन बढ़ाकर नींद का चक्र ठीक करता है।
पाचन सुधारता है
घी में मौजूद ब्यूटिरिक एसिड आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
रात में गैस, एसिडिटी की समस्या कम करता है।
पोषण विशेषज्ञ का दृष्टिकोण (कनिका मल्होत्रा)
घी में विटामिन A, D, E, K होते हैं, जो त्वचा और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद हैं।
सूजन कम करता है (IBS, कब्ज में राहत)।
यह दवा नहीं, पर सहायक उपाय है इन समस्याओं के लिए:
खर्राटे
बार-बार नींद टूटना
पेट फूलना या एसिडिटी
घी का दीया जलाने का तरीका
शुद्ध देसी घी (मिलावटी नहीं) का उपयोग करें।
छोटा दीया जलाकर बिस्तर से 3-4 फीट दूर रखें।
सोने से 30 मिनट पहले जलाएं (या पूरी रात जलने दें, अगर सुरक्षित हो)।
अन्य आयुर्वेदिक उपायों के साथ प्रयोग करें:
सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं।
नाक में घी की बूंदें (नस्य कर्म) डालें (अगर कफ जमा हो)।
किन्हें आजमाना चाहिए?
✔ हल्की नींद वाले
✔ खर्राटे या साइनस की समस्या वाले
✔ रात में पेट फूलने/एसिडिटी से परेशान
✔ तनाव के कारण नींद न आना
सावधानियां
यह दवा का विकल्प नहीं (क्रोनिक अनिद्रा या स्लीप एप्निया में डॉक्टर से सलाह लें)।
कमरे में हवा का प्रवाह बनाए रखें (धुएं से बचाव)।
डेयरी एलर्जी वाले न करें।
निष्कर्ष
आयुर्वेद का यह सरल उपाय:
✅ नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है
✅ खर्राटे और नाक बंद होने से राहत देता है
✅ पाचन और मानसिक शांति में सुधार करता है
1-2 हफ्ते तक आजमाएं और नींद में अंतर महसूस करें!
यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता (जीएस-3: पारंपरिक चिकित्सा)
आयुष मंत्रालय आयुर्वेदिक निद्रा उपचारों को बढ़ावा देता है।
घी में ब्यूटिरिक एसिड का वैज्ञानिक महत्व।
होलिस्टिक हेल्थ vs आधुनिक चिकित्सा पर बहस।
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