मैंग्रोव: नीली कार्बन संपदा और भारत की जलवायु रक्षा दीवार
✍️ Suryavanshi IAS ब्लॉग, UPSC Foundation Series
🔍 परिचय:
मैंग्रोव वनों को अक्सर जैव विविधता से जुड़े क्षेत्र मानकर नीति और योजनाओं में हाशिये पर रखा गया है, जबकि उनका जलवायु लचीलापन, आर्थिक योगदान, और तटीय सुरक्षा में भूमिका अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
मैंग्रोव वनों का क्षरण केवल एक पारिस्थितिकीय संकट नहीं, बल्कि यह हमारे प्राकृतिक सुरक्षा कवच, मछलीपालन, और अरबों रुपये मूल्य की पारिस्थितिकीय सेवाओं का नुकसान है।
🌊 क्यों महत्वपूर्ण हैं मैंग्रोव वन?
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तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और चक्रवातों से सुरक्षा प्रदान करते हैं
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ब्लू कार्बन (Blue Carbon) के प्रमुख भंडार: वायुमंडलीय CO₂ का संग्रहण
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मछलियों के प्रजनन स्थलों के रूप में कार्य करते हैं
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तटीय समुदायों के जीविका स्रोत
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भूमि क्षरण को रोकते हैं
🌍 उदाहरण:
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पिचावरम (तमिलनाडु): ₹3,535 मिलियन का पारिस्थितिकीय मूल्य
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सुंदरबन (पश्चिम बंगाल): ₹664 अरब मूल्य की सेवाएँ, जिनमें से केवल कार्बन अवशोषण ₹462 मिलियन प्रतिवर्ष
📊 UPSC में मैंग्रोव पर पूछे गए प्रश्न
✅ प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):
2022:
With reference to “Blue Carbon”, which of the following statements is/are correct?
It refers to carbon captured by oceans and coastal ecosystems.
Mangroves, salt marshes, seagrasses are blue carbon ecosystems.
✅ Correct Answer: Both 1 and 2
2014:
Which one of the following is the correct sequence of ecosystems in the order of decreasing productivity?
a) Oceans > Mangroves > Lakes > Grasslands
b) Mangroves > Oceans > Grasslands > Lakes
✅ Correct Answer: Mangroves > Oceans > Grasslands > Lakes
📚 मैंग्रोव प्रबंधन के तीन प्रमुख स्तंभ
1️⃣ तकनीक द्वारा मूल्यांकन: “नेचुरल कैपिटल” को पहचानना
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सैटेलाइट व ड्रोन से मैंग्रोव की पहचान और निगरानी
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Geospatial AI से डेटा एकत्रित करना
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नीति निर्माण और पुनर्स्थापना प्रयासों में सहायता
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स्थानीय समुदायों की पारंपरिक जानकारी को तकनीक से जोड़ना
2️⃣ सामुदायिक नेतृत्व में संरक्षण
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मछुआरों के लिए मैंग्रोव = मछलियों का पालनघर
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स्वस्थ मैंग्रोव = बेहतर मछली उत्पादन
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स्वरोजगार के नए अवसर:
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मछलीपालन
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मधुमक्खी पालन
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ईको-टूरिज्म
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🏙️ शहरी संकट
मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में मैंग्रोव प्रदूषित और उपेक्षित हैं।
EDC/JFMC जैसे मॉडल को शहरी मैंग्रोव पर लागू किया जा सकता है।
3️⃣ नागरिक विज्ञान और जागरूकता
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"Mangrove Mitras" जैसे अभियान स्थानीय लोगों को जोड़ते हैं
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स्वयंसेवकों द्वारा पर्यावरणीय निगरानी
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स्वस्थ मैंग्रोव = स्वस्थ नदी, झील और समुदाय
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समुदाय आधारित निगरानी में निम्नलिखित संकेतक शामिल होने चाहिए:
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वन क्षेत्र में परिवर्तन
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जल प्रवाह की मात्रा व गुणवत्ता
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पक्षी, मछली व अन्य जैव विविधता
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स्थानीय निर्भरता और धारणा
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🛣️ आगे की राह: नीति + समुदाय + विज्ञान का समन्वय
दिशा | सुझाव |
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नीति | मैंग्रोव को "प्राकृतिक अवसंरचना" के रूप में मान्यता |
तकनीक | ब्लू कार्बन की निगरानी हेतु डेटा-आधारित निर्णय |
वित्त | इकोसिस्टम सेवाओं को बजट में शामिल करना |
समुदाय | स्थानीय स्तर पर संयुक्त प्रबंधन (JFMCs, SHGs) |
शिक्षा | पाठ्यक्रमों में मैंग्रोव व जलवायु शिक्षा को जोड़ना |
✅ मैंग्रोव संरक्षण टॉप-डाउन नहीं, बल्कि सहजीवी भागीदारी का मॉडल होना चाहिए।
📘 UPSC उत्तर लेखन में कैसे उपयोग करें?
GS Paper 3 (Environment):
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Keywords: Blue Carbon, Nature-based solutions, Ecosystem Services, Community-led conservation
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Case Study: Sundarbans & Pichavaram
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Diagram: मैंग्रोव सेवाओं का चित्रात्मक वर्णन
🧠 निष्कर्ष:
“मैंग्रोव केवल पेड़ नहीं हैं — वे प्राकृतिक दीवारें, भविष्य के कार्बन बैंक, और समुदायों की जीवनरेखा हैं।”
नीति निर्माताओं, व्यवसायों और समुदायों को मिलकर काम करना होगा ताकि मैंग्रोव को सिर्फ जैव विविधता क्षेत्र नहीं, बल्कि आर्थिक और जलवायु अवसंरचना माना जाए।
📌 UPSC Aspirant’s Tip by Suryavanshi IAS:
"Where natural capital thrives, climate resilience and sustainable livelihoods follow."
🌱 Mangrove Mitras बनिए – प्रकृति के मित्र बनिए।
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