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Monday, August 4, 2025

✈️ MiG-21 का अंत, Tejas की देरी और भारतीय वायुसेना का भविष्य

 

✈️ MiG-21 का अंत, Tejas की देरी और भारतीय वायुसेना का भविष्य

Suryavanshi IAS सुरक्षा व विश्लेषण श्रृंखला | UPSC प्रीलिम्स, मेंस (GS-2, GS-3), निबंध और साक्षात्कार के लिए उपयोगी


🔍 क्या है समाचार में?

भारतीय वायुसेना (IAF) की रीढ़ कहे जाने वाले MiG-21 लड़ाकू विमान को सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, Tejas Mk-1A विमानों की डिलीवरी में देरी हो रही है। इस समय जबकि चीन और पाकिस्तान तेजी से आधुनिक लड़ाकू विमान शामिल कर रहे हैं, भारत की वायुसेना स्क्वाड्रनों की संख्या में गिरावट देख रही है।


🧭 UPSC पाठ्यक्रम से संबंध

पेपरविषय
GS-2पड़ोसी देशों से संबंध; राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियाँ
GS-3आंतरिक सुरक्षा; रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता; रक्षा अनुसंधान
प्रीलिम्ससमसामयिक घटनाएँ; रक्षा खरीद; स्वदेशी तकनीकें
निबंधरणनीतिक स्वायत्तता; आत्मनिर्भर भारत; 21वीं सदी की सुरक्षा चुनौतियाँ

🧾 MiG-21 की विरासत और ‘उड़ता ताबूत’ क्यों कहलाया?

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

  • 1962 के चीन युद्ध के बाद USSR से खरीदा गया।

  • भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान

  • कुल 872 विमान शामिल किए गए (HAL द्वारा अधिकांश का निर्माण हुआ)।

🎖️ प्रमुख युद्धों में भूमिका:

  • 1965, 1971 युद्ध, करगिल, और 2019 बालाकोट हमले में सक्रिय भूमिका।

  • 2019 में अभिनंदन वर्धमान ने इसी विमान से पाकिस्तानी F-16 गिराया।

☠️ सुरक्षा रिकॉर्ड:

  • 450 से अधिक दुर्घटनाएँ, जिससे मिला नाम ‘Flying Coffin’।

  • 2008 तक ट्रेनर विमान के रूप में भी उपयोग किया गया।


🚨 वायुसेना की मौजूदा स्थिति

📉 स्क्वाड्रन की कमी:

  • स्वीकृत स्क्वाड्रन संख्या: 42

  • वर्तमान में: 29 (MiG-21 के सेवानिवृत्त होने के बाद)

🛩️ सक्रिय विमान:

विमानस्थिति
SU-30MKI260 सेवा में; अपग्रेड की योजना
LCA Tejas Mk12 स्क्वाड्रन; Mk-1A की प्रतीक्षा
Mirage-2000, Jaguar, MiG-292030 तक सेवा से बाहर
AMCA (5वीं पीढ़ी)विकासाधीन

🧯 Mk-1A में देरी क्यों?

🔧 परियोजना की स्थिति:

  • ₹48,000 करोड़ की डील (2021) — 83 Mk-1A विमानों के लिए।

  • मार्च 2024 से डिलीवरी शुरू होनी थी, अब तक एक भी विमान नहीं मिला

🛑 देरी के कारण:

  • तकनीकी विकास में समस्या।

  • GE Aerospace द्वारा इंजन की देर से आपूर्ति (supply chain मुद्दे)।

  • पहला इंजन अप्रैल 2025 में आया।


🔮 आगे की रणनीति: IAF की योजना

🚀 अगले 20 वर्षों में 600+ लड़ाकू विमान:

विमानप्रस्तावित संख्या
Tejas Mk-1A180
Tejas Mk-2120+
AMCA (5वीं पीढ़ी)120
MRFA (विदेशी मल्टी-रोल विमान)114
Su-30MKI (नई खरीद)12 (दुर्घटना में खोए विमानों के लिए)

✅ HAL का लक्ष्य: हर साल 24 Tejas Mk-1A बनाना।

⚙️ इंजन और स्वदेशीकरण की दिशा

  • Tejas Mk-2 के लिए GE का F414 इंजन, HAL द्वारा लाइसेंस निर्माण।

  • AMCA Mk-1: GE इंजन से

  • AMCA Mk-2: 110kN क्षमता वाला इंजन, विदेशी भागीदार के साथ सह-विकास।


🌏 चीन और पाकिस्तान की स्थिति

देशकुल लड़ाकू विमानस्टील्थ क्षमता
चीन~1,900J-20, J-31
पाकिस्तान~450JF-17, J-35 (40 विमान आने वाले हैं)
भारत~600 (योजना अनुसार)AMCA विकासाधीन

🧠 UPSC उत्तर लेखन के लिए विश्लेषण

✅ सकारात्मक पहलू:

  • Tejas, AMCA जैसे स्वदेशी प्रयास

  • पहली बार AMCA के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रण

  • क्षमता सुधार के लिए रक्षा सचिव की अध्यक्षता में समिति की रिपोर्ट।

⚠️ चुनौतियाँ:

  • उत्पादन में लगातार विलंब

  • विदेशी इंजनों पर निर्भरता

  • MRFA प्रक्रिया वर्षों से रुकी हुई।

  • चीन/पाकिस्तान की तुलना में संख्या में कमी


📚 UPSC के पूर्व प्रश्न (संबंधित)

🧩 GS-3 (2021):

Q: "रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए तकनीक के स्वदेशीकरण की भूमिका पर चर्चा करें।"
✅ इसमें Tejas और AMCA जैसे उदाहरण जोड़े जा सकते हैं।

🧩 GS-3 (2022):

Q: "संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को क्या चुनौतियाँ हैं? समाधान बताइए।"
→ यहां हवाई सुरक्षा व संचार आधारित युद्ध का उल्लेख संभव।

🧩 प्रीलिम्स 2019:

Q: IRNSS से संबंधित कथनों का मिलान।
→ रक्षा तकनीक जैसे विषय अक्सर पूछे जाते हैं, भविष्य में Tejas/AMCA जैसे प्रश्न भी हो सकते हैं।


📝 अभ्यास प्रश्न

GS-3 उत्तर लेखन:

Q: "भारतीय वायुसेना की रणनीतिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने में स्वदेशी लड़ाकू विमानों की भूमिका की समीक्षा करें। साथ ही इनकी डिलीवरी में आने वाली प्रमुख चुनौतियों का वर्णन करें।"
(250 शब्द)

निबंध विषय:

"राष्ट्र की रक्षा: आत्मनिर्भरता बनाम रणनीतिक साझेदारी"


📌 निष्कर्ष

MiG-21 की सेवानिवृत्ति एक युग का अंत है, लेकिन साथ ही यह भारत की वायुशक्ति के पुनर्निर्माण की चुनौती भी पेश करता है। Tejas और AMCA जैसे स्वदेशी कार्यक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता की कुंजी हैं। हालांकि, निर्धारित समयसीमा पर डिलीवरी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भारत को तेज़ी से फैसले और क्रियान्वयन की आवश्यकता है।


by  Suryavanshi IAS

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