WHO का दक्षिण-पूर्व एशिया में टीबी उन्मूलन पर फोकस
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🦠 टीबी की स्थिति:
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दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में वैश्विक टीबी मामलों का लगभग आधा बोझ है।
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2023 में 5 मिलियन लोग टीबी से पीड़ित हुए और करीब 6 लाख मौतें हुईं।
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⚠️ WHO की चेतावनी और आह्वान:
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टीबी समाप्ति के लिए अनुसंधान, नवाचार और सहयोग को तुरंत बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई गई।
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नई तकनीकों, औषधियों और उपकरणों का उपयोग, समय पर और समान रूप से होना जरूरी है।
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📈 अब तक की प्रगति:
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2023 में 3.8 मिलियन नए और पुनरावर्ती टीबी मामलों की सूचना दी गई।
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2022 में इलाज शुरू करने वाले मरीजों की सफलता दर 89% रही।
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मिस्ड केस घटकर 22% रह गए, जबकि 2020 में यह 44% थे।
💡 नए तरीके और नवाचार:
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AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), डिजिटल टूल्स, और सीधे लाभ स्थानांतरण जैसी तकनीकों का उपयोग बढ़ा।
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भारत में RATIONS अध्ययन ने पोषण और टीबी पर गहन जानकारी दी।
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बांग्लादेश ने मरीजों की लागत का सर्वेक्षण पूरा किया।
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नेपाल की TB-Free Pallika पहल और म्यांमार में बहु-क्षेत्रीय सहयोग मॉडल से वंचित लोगों तक पहुंच आसान हुई।
📚 शोध और ज्ञान साझेदारी की स्थिति:
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पिछले 6 वर्षों में सदस्य देशों ने 3,000 से अधिक टीबी संबंधित शोध लेख प्रकाशित किए, जिनमें से 60% मौलिक शोध थे।
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लेकिन, शोध परिणामों का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है।
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क्षेत्र में ड्रग-प्रतिरोधी टीबी के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है।
🤝 भविष्य की रणनीति:
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दक्षिण-दक्षिण सहयोग, वैक्सीन तैयारियों, और डिजिटल टूल्स को बढ़ावा देना।
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वैकल्पिक अनुसंधान प्राथमिकताओं की पहचान, विशेष रूप से कुपोषण और जलवायु परिवर्तन जैसे सामाजिक कारणों को ध्यान में रखते हुए।
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वैक्सीन हिचकिचाहट को दूर करना और सभी वर्गों को समान लाभ दिलाना ज़रूरी।
🧬 WHO की टिप्पणी:
“हमारी प्रगति असमान है। शोध और नवाचार की क्षमता अलग-अलग है और परिणामों का सहयोगी उपयोग सीमित है,”
— डॉ. कैथरीना बोएमे, प्रभारी अधिकारी, WHO दक्षिण-पूर्व एशिया
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